‘बाबा का ढाबा’ पर जुटी भारी भीड़, बुजुर्ग दंपत्ति के चेहरे पर दिखी खुशी, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था वीडियो
छोटी सी दुकान पर जमा भीड़ की वजह से पुलिस को ट्रैफिक मैनेज करना पड़ा. दूर-दूर से लोग इस बुजुर्ग दंपत्ति का खाना खाने आए थे
नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर बुधवार को एक बुजुर्ग दंपत्ति के छोटे से ढाबे का वीडियो सामने आया जिसमें कमाई न होने की बात करते करते एक बुजुर्ग शख्स रो पड़ा. करीब 80 साल के इस बुजुर्ग शख्स का यह वीडियो इस कदर वायरल हुआ की गुरुवार की सुबह दुकान पर इतनी भीड़ जुटी कि कुछ ही घंटों में खाना खत्म हो गया.
इतना ही नहीं तो कुछ लोगों ने बुजुर्ग दंपत्ति की मदद करते हुए उन्हें नगद दिया तो कुछ ने अनाज. कुछ लोग दुकान की पेंटिंग और लाइटिंग करने आए थे. छोटी सी दुकान पर जमा भीड़ की वजह से पुलिस को ट्रैफिक मैनेज करना पड़ा.
दक्षिणी दिल्ली के मालवीय नगर में हनुमान मंदिर के सामने एक छोटी सी दुकान है जिसका नाम है ‘बाबा का ढाबा’. पिछले 30 साल से ज्यादा वक्त से यह दुकान यहां है लेकिन ‘बाबा का ढाबा’ के मालिक कामता प्रसाद और बादामी देवी ने ऐसी भीड़ कभी नहीं देखी.
बुधवार को सोशल मीडिया पर इनका एक वीडियो सामने आया. 30 सालों से बुजुर्ग दपंत्ति इस ढाबे को चला रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से कमाई खास नहीं हो पा रही है. वीडियो में कामता प्रसाद इस बात को बताते-बताते भावुक हो जाते हैं. जैसे ही वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ गुरुवार की सुबह सब-कुछ बदल गया.
गुरुवार की सुबह इस छोटी सी दुकान के आगे लोगों की भीड़ थी. दूर-दूर से लोग यहां खाना खाने आए थे. बुजुर्ग दंपत्ति सुबह 9:30 बजे से अपने ढाबे पर शाम तक खाना बेचते थे लेकिन गुरुवार को सुबह 11:00 बजे तक खाने का सामान खत्म हो चुका था.
मालवीय नगर इलाके की निगम पार्षद डॉ नंदिनी शर्मा भी यहां पहुंचीं. वह बुजुर्ग दंपत्ति के लिए प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर योजना के तहत मिलने वाले 10 हजार रुपये की सहायता वाला फॉर्म भर रही थीं. उन्होंने भी माना कि वीडियो देखने के बाद वह यहां पहुंची हैं. उनका कहना था कि स्ट्रीट वेंडर्स के लिए दी जाने वाली इस योजना में ये लोग शायद छूट गए थे .
ढाबे के मालिक कामता प्रसाद और बदामी देवी ने बताया कि आज से पहले तक कोई उन्हें पूछने तक नहीं आया था, इसीलिए जब कल उनसे कोई बात कर रहा था तो उनकी आंखों में आंसू आ गए. 30 सालों से वे यहां काम कर रहे थे लेकिन कभी इतने लोग यहां खाना खाने नहीं आए थे. जैसे-तैसे गुजारा करना पड़ता था.
कामता प्रसाद ने बताया वह रोजाना 2 किलो चावल, दाल, सब्जी और कुछ रोटी बनाते थे जिसके लिए लागत करीब साडे 300 से 400 रुपये होती थी. कई बार खाना बच जाता था जिसे वे खुद घर ले जाकर खा लेते.
इस दंपत्ति का जो वीडियो वायरल हुआ है उसे गौरव नाम के शख्स ने बनाया है. गौरव फूड ब्लॉगर हैं और अलग-अलग जगहों पर घूम कर खाना खाते हैं.
बुधवार को जब गौरव यहां पहुंचे तो उन्होंने इनका खाना अच्छा लगा लेकिन बावजूद इसके इनकी कमाई नहीं थी. गौरव से इन लोगों की तकलीफ देखी नहीं गई तो इनकी तकलीफ पर तुरंत एक वीडियो बनाया और उसके बाद यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
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