इस जुलूस का एक वीडियो भी सामने आया है. इस रैली में भारी संख्या में लोग शामिल हैं और नारेबाजी कर रहे हैं. वीडियो में प्रदर्शनकारी नारा लगा रहे हैं, ‘’नीलम-झेलम बहने दो, हमें जिंदा रहने दो.’’
इस पूरे मामले पर पीओके एक्टिविस्ट डॉ अमजद मिर्ज़ा ने कहा कि कभी नीलम-झेलम नदी गरजती थीं, अब यह नाला बनती जा रही हैं. ये सीवेज से भर गई हैं. स्थानीय लोगों के पास पीने का पानी नहीं है. सीपीईसी (चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा) की आड़ में हमारे प्राकृतिक संसाधनों का दोहन किया जा रहा है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि चीनी कंपनियों की भारी उपस्थिति, बड़े पैमाने पर बांधों के निर्माण और नदी की धारा मोड़ने को उनके अस्तित्व के लिए खतरा हैं. इससे पहले भी इस मुद्दे को लेकर प्रदर्शन हुए हैं लेकिन इमरान खान की सरकार सुध नहीं ले रही है.
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