नई दिल्ली: महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर हर दिन कुछ नया हो रहा है. कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में शरद पवार की पार्टी की तारीफ की तो आज वे संसद में पीएम से मिलने पहुंचे. शरद पवार राजनीति के धुरंधर खिलाड़ी हैं. जब से महाराष्ट्र में सरकार बनाने की कवायद शुरू हुई है, ये कन्फ्यूजन बढ़ता ही जा रहा है.


खबर आयी कि दोनों नेताओं के बीच किसानों के मुद्दे पर मुलाकात हुई. सूत्रों के मुताबिक पवार और पीएम की मुलाकात से कांग्रेस नाराज है. कांग्रेस ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर मिलना था तो सहयोगी दलों को भी लेकर जाते. इसके बाद शरद पवार के घर कांग्रेस और एनसीपी की बैठक हुई. बैठक के बाद कांग्रेस ने कहा कि बातचीत सही दिशा में है.


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महाराष्ट्र की सियासी शतरंज में शरद पवार की चाल से सब कन्फ्यूज है. किसी को नहीं पता कि खेल खत्म होने तक वो किसे मात देंगे. इसकी वजह है पिछले 72 घंटों में दो हाई प्रोफाइल मुलाकातें जो शरद पवार कर चुके हैं.आज पीएम के साथ करीब आधे घंटे मुलाकात चली. परसों सोनिया गांधी से मिले थे, वो मुलाकात लगभग पौन घंटे की थी. ये दोनों मुलाकातें ऐसे वक्त पर हुईं जब महाराष्ट्र में सरकार बनाने का सवाल अटका हुआ है.


इतने गर्म राजनीतिक माहौल के बीच हुई इन दोनों मुलाकातों पर पवार की प्रतिक्रिया ऐसी है, जैसे कुछ हुआ ही नहीं. जब सोनिया से मिले थे तो उम्मीद थी कि सरकार बनाने पर आखिरी फैसला हो जाएगा. बाहर आये तो कहा कि सरकार बनाने पर तो कोई बात ही नहीं हुई.


पीएम से शरद पवार की मुलाकात पर संजय राउत ने कहा कि पीएम से कोई मिलता है तो खिचड़ी ही पकती है क्या? देश के पीएम है कोई भी मिल सकता है. शरद पवार कृषि क्षेत्र से जुड़े हैं. हमने भी दो दिन पहले पवार साहब से कहा था कि राज्य की हालत में पीएम को ब्रीफ कीजिए. पवार और पीएम मोदी की मुलाकात के पहले संजय राउत ने ये बयान कुछ ऐसे दिया मानों वो शिवसेना के नहीं एनसीपी के ही नेता हों. दो दिन पहले भी वो ऐसे ही पवार का बचाव करते नजर आए थे. दरअसल शिवसेना ये सब इसलिए कर रही है क्योंकि पवार उनकी मजबूरी बन गए हैं और पवार इसी मजबूरी का फायदा उठाने में लगे हैं.


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इसके अलावा दिल्ली में ही कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं की मुलाकात भी हुई. इसमें कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर चर्चा हुई. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस, शिवसेना के साथ सरकार बनाने को तैयार है. जल्दी ही इसकी घोषणा भी की जा सकती है.


उधर शिवसेना ने आज फिर दावा किया कि दिसंबर के पहले हफ्ते में महाराष्ट्र में उनकी सरकार बन जाएगी. शिवसेना ने अपने 56 विधायकों को मातोश्री बुलाया. उनसे पांच दिनों के कपड़े और आधार कार्ड के साथ आने को कहा. शिवसेना को ये डर सता रहा है कि कहीं सरकार बनने से पहले ही उनके विधायक टूट न जाएं.


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