नई दिल्ली: आप खाना बनाते समय खाने में जीरे का इस्तेमाल जरूर करते होंगे, क्योंकि जीरा आपके खाने में स्वाद लाता है. ये खबर हर उस महिला के लिए जरूरी है जो खाने में फ्लेवर के लिए जीरा डालती हैं. दरअसल बवाना थाने की पुलिस ने नकली जीरा बनाने वाले एक गैंग को धरदबोचा है और उनके पास से हज़ारों किलों नकली जीरे की बोरी बरामद की है. नकली जीरा बनाने की एक फैक्ट्री का दिल्ली पुलिस ने भांडाफोड़ किया है. पुलिस की गिरफ्त में पांच शातिर आए हैं. ये नकली जीरा बनाकर उसे सप्लाई करने का धंधा कर रहे थे. ये काफी महीनों से बनाया जा रहा था.


ये नकली जीरा कैसे तैयार होता था?


नकली जीरे को बनाने के लिए ये लोग पत्थर के पाउडर, घास और गुड़ के शीरे का इस्तेमाल करते थे. इन तीनों चीजों को मिलाकर ये इस इस तरह नकली जीरा बनाते थे. बाजार में असली जीरे की कीमत 400 रुपये किलो है, लेकिन ये लोग सिर्फ 20 रुपये किलो में ये नकली जीरा बेचते थे, जिसे असली जीरे में मिलाया जाता था. सारे आरोपी यूपी के शाहजहांपुर के रहने वाले हैं. इस नकली जीरे की सप्लाई गुजरात, राजस्थान और उत्तरप्रदेश में हो रही थी. पुलिस ने 485 बोरी पकड़ी है. हर बोरी में 40 किलो जीरा है. कुल 19 हजार 400 किलो नकली जीरा पकड़ा गया है. इसके साथ ही 5250 किलो पत्थर का बूरा, 1600 किलो घास और 1225 किलो शीरा बरामद हुआ है.


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अपना ठिकाना बदल लेता था गैंग


दिल्ली के डीसीपी गौरव शर्मा ने बताया कि 80 किलो जीरा में 20 किलो नकली जीरा मिलाते थे ताकि उसकी पहचान ना हो पाए. पुलिस के मुताबिक ये गैंग एक जगह ज्यादा दिन तक काम नहीं करता था. 20 से 30 दिन एक जगह काम करने के बाद ये अपना ठिकाना बदल लेते थे. अब पुलिस ये भी पता करने में जुटी है कि ये गैंग अब तक इस नकली जीरे को किस तादाद में मार्केट में पहुंचा चुका है. यानी जिस जीरे को आप अपने घर में दाल और सब्जी छौंकने के लिए इस्तेमाल करते हैं वो नकली हो सकता है. खरीदारी करते वक्त सावधान रहें और मिलावट से बचें.


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