नई दिल्लीः भारतीय नौ सेना समुद्र के अंदर और ताकतवर होगी. एक ऐसी खबर जिसे देखकर आपको हिंदुस्तान की शक्ति का एहसास होगा. ये उस शक्ति की खबर है जो समुद्र की गहराइयों में है और अब से 48 घंटे बाद इसका एहसास पूरी दुनिया करेगी. भारत का ये पराक्रम अरब सागर से हिन्द महासागर और हिन्द महासागर से बंगाल की खाड़ी तक रणनीतिक समीकरण बदले देगा.


यह मिसाइल 3500 किलोमीटर के दायरे में अभेद्य निशाना बनाने के जाना जाता है. इसके जरिए दो टन से भी ज्यादा वॉरहेड ले जाया ज सकता है. K-4 मिसाइल दुश्मन पर परमाणु हमला करने में कारगर हथियार है. हिंदुस्तान के दुश्मन इस मिसाइल को किलर मिसाइल के नाम से बुलाते हैं.


विशाखापटनम की समुद्री सीमा से किया जाएगा परीक्षण


दो सफल परीक्षणों के बाद अब K-4 मिसाइल एक बार फिर ट्रायल के लिए तैयार है. 8 नवंबर यानि शुक्रवार को K-4 मिसाइल विशाखापटनम की समुद्री सीमा से परीक्षण किया जाएगा. K-4 परमाणु मिसाइल का परीक्षण समंदर के नीचे बने प्लेटफॉर्म से होगा.


परीक्षण में DRDO की K-4 मिसाइल के एडवांस सिस्टम की परख होगी. परीक्षण के लिए NOTAM यानि नोटिस टू एयरमैन और नौसेना अलर्ट पर है. ये परीक्षण पिछले महीने होना था, लेकिन उस वक्त टाल दिया गया था. सबमरीन से लॉन्च होने वाली K-4 मिसाइल भारत के परमाणु कार्यक्रम का बेहद अहम हिस्सा है.


एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखा गया है मिसाइल का नाम


थल और वायु से परमाणु हमला करने में भारत पहले ही सक्षम है. और K-4 मिसाइल पानी के अंदर से परमाणु हमला करने की काबिलियत देता है. K-4 मिसाइल का नाम पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखा गया है. 12 मीटर लंबी K4 मिसाइल को खास INS अरिहंत के लिए डिजायन किया गया है.


INS अरिहंत सबमरीन में एक बार में चार K-4 मिसाइल लोड की जा सकती हैं. भारत के पास K फैमिली की K-15 न्यूक्लियर मिसाइल पहले से है. जिसे सागरिका या BO5 मिसाइल के नाम से भी जाना जाता है. लेकिन K-15 की रेंज लगभग 750 किलोमीटर की है. ऐसे में परमाणु युद्ध हुआ. तो 3500 किलोमीटर की रेंज वाली K4 मिसाइल से भारतीय नौसेना. अपने दुश्मन को खाक में बदल सकती है.


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