(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
मास्टर स्ट्रोक: संजय राउत का दावा करना फिर बयान वापस लेना, इंदिरा गांधी से करीम लाला की मुलाकात की तस्वीर
एबीपी न्यूज़ की पड़ताल में एक तस्वीर सामने आई है. इस तस्वीर में करीम लाला और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तस्वीर है. ये तस्वीर साल 1973 की है. तस्वीर राष्ट्रपति भवन की है जिसमें इंदिरा गांधी और करीम लाला बातचीत करते दिख रहे हैं.
नई दिल्ली: बुधवार को शिवसेना के नेता संजय राउत ने ये कहा कि करीम लाला से इंदिरा गांधी मिलने आती थीं. इसके बाद राजनीतिक हंगामा मचा हुआ है. संजय राउत अपना बयान वापस भी ले चुके हैं. इसके बावजूद ये सवाल बना हुआ है कि क्या वाकई ऐसा था? इस बात में कोई शक नहीं है कि करीम लाला के राजनेताओं से अच्छे संबंध थे. उसकी कई बड़े राजनेताओं के साथ तस्वीरें मौजूद हैं.
करीम लाला की इंदिरा गांधी के बेटे पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी के साथ भी एक तस्वीर है. इसमें वो राजीव गांधी से हाथ मिला रहा है. इसके अलावा करीम लाला की बाला साहेब ठाकरे के साथ भी एक तस्वीर है. अप्रैल 1980 में हुए एक कार्यक्रम की तस्वीर में बाला साहेब ठाकरे और करीम लाला दोनों दिख रहे हैं. करीम लाला राजनेताओं से लेकर अभिनेताओं तक का फेवरेट था.
1973 में आई फिल्म जंजीर में प्राण ने जिस शेरखान का किरदार निभाया, वो मुंबई के एक अंडरवर्ल्ड डॉन से प्रभावित था जिसका नाम करीम लाला उर्फ अब्दुल करीम शेर खान था. अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम और हाजी मस्तान से भी पहले करीम लाला ही मुंबई का बेताज बादशाह था. करीम लाला 2002 में इस दुनिया को अलविदा कह चुका है लेकिन उसकी मौत के 18 सालों के बाद वो अचानक आज पूरे देश में ट्रेंड कर रहा है.
क्या करीम लाला और इंदिरा गांधी की मुलाकात कभी हुई थी?
जैसा कि संजय राउत ने दावा किया तो इस दावे की पड़ताल की गई. पड़ताल में एबीपी न्यूज़ को एक तस्वीर मिली. इस तस्वीर में इंदिरा गांधी के साथ एक तरफ करीम लाला खड़ा है और दूसरी तरफ कवि, गायक, संगीतकार और अभिनेता रह चुके हरेन्द्रनाथ चटोपाध्याय हैं. तस्वीर 1973 की है और इस तस्वीर की कहानी भी बहुत रोचक है.
1973 में पद्म पुरस्कारों का वितरण समारोह था. वरिष्ठ पत्रकार बलजीत परमार बताते हैं कि एक्टर हरेन्द्र नाथ चट्टोपाध्याय को 1973 में पद्मभूषण मिला था. चट्टोपाध्याय दिल्ली जा रहे थे, तो करीम लाला ने रिक्वेस्ट किया कि कभी राष्ट्रपति भवन और बड़े बड़े लोग नहीं देखा, क्या मैं आपके साथ चलूं क्या? राष्ट्रपति भवन में गए दूसरे दिन में अवॉर्ड लेकर वापस आ गए. ये उस समय की तस्वीर है, जो राष्ट्रपति भवन में इंदिरा गांधी बात कर रही थीं. यानी ये दावा तो सही है कि इंदिरा गांधी और करीम लाला की एक बार मुलाकात जरूर हुई थी, लेकिन वो करीम लाला से मिलने गई हों, ये बात एबीपी न्यूज़ की पड़ताल में सही नहीं पाई गई.
मुंबई के ही डॉन रह चुके हाजी मस्तान के दत्तक पुत्र का दावा है कि इंदिरा गांधी की करीम लाला और हाजी मस्तान दोनों से मुलाकातें होती थीं. पड़ताल में करीम लाला की उस दौर के कई फिल्म स्टार्स के साथ तस्वीरें भी मिलीं. एक तस्वीर में करीम लाला अमिताभ बच्चन और शशि कपूर के साथ दिख रहा है तो दूसरी तस्वीर में करीम लाला के साथ शत्रुघन सिन्हा दिखाई दे रहे हैं.
करीम लाला 1920 के दशक में अफगानिस्तान से मुंबई आया था. शुरू में वो छोटा मोटा गुंडा था और वसूली भी करता था. लेकिन वक्त बीतने के साथ-साथ उसका कद बढ़ने लगा. डॉकयार्ड के आस पास के इलाके में उसकी हुकूमत चलने लगी और उसका गैंग बड़ा होता गया. मुंबई में अंडरवर्ल्ड की शुरुआत डॉक से ही हुई थी क्योंकि यहां से तस्करी की जाती थी. रेडियो से लेकर घड़ियों तक की स्मगलिंग की जाती थी. आजादी के बाद 50 के दशक में करीम लाला का रुतबा और बढ़ा और मुंबई पर एकछत्र राज करने लगा. उसके गैंग पर रंगदारी वसूलने, कॉन्ट्रेक्ट किलिंग और जबरन प्रॉपर्टी पर कब्जा करवाने के आरोप भी लगे.
70 के दशक में करीम लाला ने हाजी मस्तान और वरदराजन के साथ मिलकर मुंबई को तीन हिस्सों में बांट लिया था. हाजी मस्तान ने तो 1975 में इमरजेंसी के बाद अपनी अलग पार्टी ही बना ली थी. बाद में मुंबई के अंडरवर्ल्ड में दाऊद की एंट्री हो गई. बताया जाता है कि 80 के दशक में करीम लाला ने दाऊद इब्राहिम को सड़क पर पिटवाया था.
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