नई दिल्ली: जामिया में रविवार को हिंसा के आरोप में पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया है. बड़ी बात ये है कि उन 10 लोगों में से कोई भी जामिया का छात्र नहीं है. आज इन सभी आरोपियों को पेशी के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार लोगों से पूछताछ में हिंसा की साजिश को लेकर कई अहम सुराग मिले हैं जिनकी तफ्तीश की जा रही है.


जामिया हिंसा मामले में पुलिस ने छह आरोपियों को साकेत कॉर्ट पेश किया था. सभी को अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेजा. बाकी चार आरोपोयो को भी पेश किया. उन्हें भी न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. दो अलग अलग थानों ने एफआईआर दर्ज हुई थी. इसलिए एक जज के पास छह को पेश किया गया और दूसरे जज के पास बाकी चार को पेश किया गया. दोनो थानों में अलग अलग मैजिस्ट्रेट लगते थे.


दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच करेगी पूछताछ


जामिया मामले में गिरफ्तार 10 लोगों की रिमांड क्राइम ब्रांच लेगी. स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तारियां की हैं लेकिन इन सभी लोगों से पूछताछ दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच करेगी. गिरफ्तार लोगों से पूछताछ के आधार पर कुछ बड़े लोगों और कुछ नेताओं को भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है. हालांकि पुलिस ने इस मामले मे जामिया के सभी छात्रों के क्लीनचिट नहीं दी है. पुलिस को यह शक भी है कि इस हंगामे के पीछे कुछ देशद्रोही तत्व भी हो सकते हैं.


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जामिया मामले की जांच के दौरान हुई है 10 गिरफ्तारियां जबकि पूछताछ के आधार पर एक दर्जन से ज्यादा और लोगो की पहचान भी की जा रही है. दिल्ली पुलिस ने इस मामले मे वीडियो फुटेज के आधार पर सोमवार की रात जामिया और आसपास के इलाकों में ताबड़तोड़ छापेमारी की और 10 लोगों को गिरफ्तार किया. पुलिस का कहना है कि इन 10 लोगों में से तीन लोग घोषित अपराधी भी है और गिरफ्तार अन्य लोगों का आपराधिक रिकार्ड भी मिला है.


पुलिस सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार लोगों से पूछताछ के दौरान अनेक अहम जानकारियां सामने आई हैं जो सीधे तौर पर इशारा कर रही हैं कि पर्दे के पीछे कुछ लोग हैं जो इसकी आड़ मे अपने निशाने साध रहे थे. पुलिस सूत्रों के मुताबिक जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनसे यह जानने की भी कोशिश की जा रही है कि इस दंगे के पीछे क्या लोगों को पैसे भी दिए गए थे. क्योंकि इनमें से तीन लोग पुलिस के घोषित अपराधी हैं जो पैसे लेकर कुछ भी कर सकते हैं. वो इतने पढ़े लिखे भी नहीं हैं जो यह समझ सके कि नागरिकता के नए कानून से उन्हें कोई नुकसान नहीं होने वाला तो वे हंगामा क्यों करे. फिलहाल पुलिस ने इन लोगों के बयानों के आधार पर कुछ लोगों को चिन्हित किया है जिनकी तलाश की जा रही है. पुलिस का कहना है कि इस मामले में किसी को कोई क्लीनचिट नहीं दी गई है. फिलहाल पूरे इलाके में शांति है और छुट्टियों के चलते ज़्यादातर छात्र यूनिवर्सिटी कैम्पस से जा चुके हैं.


जामिया हिंसा पर बड़ा खुलासा


पुलिस को अब तक की जांच के दौरान कुछ व्हाट्सएप ग्रुप भी मिले हैं. सूत्रों के मुताबिक इन व्हाट्सएप ग्रुपों में पकड़े गए 10 लोगों में से कुछ लोग शामिल हुए थे. इन व्हाट्सएप ग्रुप ओं के जरिए कई मैसेज इधर से उधर भेजे गए. चिन्मय बिस्वाल, डीसीपी, साउथ ईस्ट दिल्ली ने कहा कि उस दिन जो हिंसा और आगजनी हुई थी, इस घटना में दो एफआईआर दर्ज हुई थीं. इन दोनों मामलों में 10 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. तीन लोगों को पुराना आपराधिक रिकॉर्ड पाया गया है.


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पुलिस सूत्रों के मुताबिक उपद्रवियों के पास गीले कपड़े और कम्बल के अलावा पेट्रोल बम भी थे जो पुलिसकर्मियों पर फेंके गए. व्हाट्सएप के जरिये इलाके के घोषित बदमाशो को बुलाया गया था. ये लोग जामिया यूनिवर्सिटी के अंदर घुसे थे और पुलिस पर कैम्पस के अंदर से पथराव किया गया था. करीब 2 दर्जन से ज्यादा वायरल वीडियो, पुलिस द्वारा घटना की कीगई वीडियो को देखा जा रहा है. मीडिया हाउस से भी रॉ फुटेज मांगी जा सकती है.


आप नेता संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली पुलिस कह रही है कि हिंसा मामले में जो गिरफ़्तार हुए वो जामिया में पढ़ने वाले छात्र नहीं है फिर दिल्ली पुलिस ने हॉस्टल और लाइब्रेरी में घुसकर लड़के लड़कियों को बेरहमी से क्यों पीटा? दिल्ली पुलिस के उन सब अधिकारियों की जांच होनी चाहिए जिन्होंने ये बर्बरता की है. वहीं बीजेपी सांसद आरके सिन्हा ने ट्वीट किया, "बंद करो ऐसे विश्वविद्यालयों को जो आतॅंकवादी पैदा कर रहे हैं!"


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