नई दिल्ली: शाहीन बाग इस वक्त दिल्ली की राजनीति का केंद्र बन गया है. बीजेपी इसे लेकर आक्रामक है तो अरविंद केजरीवाल चुप रह कर अपना चुनावी फायदा देख रहे हैं. क्या इस चुनाव में जीत हार का रास्ता शाहीन बाग से होकर गुजरेगा?


अमित शाह ने बुधवार को कहा कि कमल के निशान पर बटन दबाओगे, मोदी जी के हाथ मजबूत करोगे, दिल्ली को सुरक्षित करोगे, देश को सुरक्षित करोगे. देखो भईया, बटन तो आप कमल पर जरूर दबाना लेकिन इस भरोसे के साथ दबाना कि ये बटन हमारे नजफगढ़ में दबे और करंट शाहीन बाग के अदंर लगे. अमित शाह अपनी हर चुनावी रैली में यही बात कह रहे हैं. साफ है कि शाहीन बाग के जिस करंट का वो जिक्र कर रहे हैं वो वोटों का वो करंट है जो केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को झटका दे सके. बीजेपी की ये रणनीति कितना असर दिखा रही है इसकी एक झलक एबीपी न्यूज-सी वोटर के सर्वे में भी मिली.


27 जनवरी को हमने पहला सर्वे किया, जिसमें ये सवाल पूछा कि भी चुनाव हुए तो किसे कितने वोट मिलेंगे. इसके जवाब में आम आदमी पार्टी के पक्ष में 51 फीसदी और बीजेपी के पक्ष में 31 फीसदी वोट पड़े. सीटों के हिसाब से देखा जाए तो इसके मुताबिक आप को 60 से 62 और बीजेपी को 8-10 सीटें मिलने का अनुमान था.


इस सर्वे के अगले ही दिन बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने शाहीन बाग को लेकर एक आपत्तिजनक टिप्पणी की. प्रवेश वर्मा ने कहा था कि ये लोग आपके घरों में घुसेंगे, आपकी बहन बेटियों से रेप करेंगे, उनको मारेंगे. प्रवेश वर्मा के अलावा गिरिराज सिंह और कपिल मिश्रा ने भी शाहीन बाग को लेकर तीखे बयान दिए. 29 जनवरी को एबीपी न्यूज-सी वोटर का दूसरा सर्वे हुआ.


दूसरे सर्वे में भी यही सवाल किया गया कि अभी चुनाव हुए तो किसे कितने वोट मिलेंगे. इस बार आंकड़े बदल गए, आप के पक्ष में 50 फीसदी और बीजेपी के पक्ष में 34 फीसदी वोट पड़े. नए सर्वे के मुताबिक आप को 59 से 60 और बीजेपी को 10 से 11 सीटें मिलने का अनुमान था. यानी सिर्फ दो दिन में बीजेपी को फायदा और आम आदमी पार्टी को नुकसान दिखने लगा.


साफ है कि शाहीन बाग पर जितना शोर मचा बीजेपी को उतना फायदा हुआ और अगर सिर्फ दो दिन में बीजेपी को ये फायदा होता दिख रहा है तो फिर अभी तो पूरा हफ्ता बचा है. इसका मतलब शाहीन बाग को लेकर हो रही राजनीति और तेज होगी.


शाहीन बाग को लेकर बीजेपी जितनी आक्रामक है, आम आदमी पार्टी उतना ही बैकफुट पर है. अरविंद केजरीवाल से लेकर आप के तमाम नेता शाहीन बाग पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. उन्हें लगता है कि अगर शाहीन बाग के लोगों के खिलाफ बोला तो मुस्लिम वोट छिटक जाएंगे और अगर साथ दिया तो हिंदू वोट खिसक सकते हैं.


शाहीन बाग को लेकर सारी जिम्मेदारी बीजेपी और केंद्र सरकार पर डालकर अरविंद केजरीवाल भी वोटों की राजनीति कर रहे हैं. उधर बीजेपी पूरी ताकत के साथ मैदान में डटी है. गृह मंत्री अमित शाह ने खुद दिल्ली चुनाव की कमान संभाल ली है. पिछले पांच दिनों से अमित शाह रोज देर रात तक बीजेपी दफ्तर में बैठक करते हैं. पूरे दिन की समीक्षा के बाद अगले दिन की रणनीति बनाते हैं. इसके बाद अगले दिन फिर से अपनी सभाओं के लिए निकल जाते हैं, जिसमें शाहीन बाग का जिक्र जरूर होता है.