गोरखपुर: आयुष सिंघल जमीन विवाद मामले में एबीपी न्यूज़ के शो मास्टर स्ट्रोक का बड़ा असर हुआ है. आयुष सिंघल लखनऊ में अपनी साढ़े 22 एकड़ जमीन अमरमणि त्रिपाठी और उनके विधायक बेटे अमनमणि त्रिपाठी की तरफ से कब्जा करने की फरियाद लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास गए थे. लेकिन सीएम योगी के जनता दरबार से आयुष को धक्का देकर बाहर निकाल दिया गया. एबीपी न्यूज़ पर ये खबर दिखाए जाने के बाद गोरखपुर के डीएम ने बयान दिया है. डीएम का कहना है कि आयुष सिंघल के आरोप गलत हैं. विवाद जमीन कब्जाने का नहीं बल्कि ज्वाइंट प्रॉपर्टी के बंटवारे का है.
अमनमणि त्रिपाठी ने क्या कहा है?
इस मामले में जब विधायक अमनमणि त्रिपाठी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये मामला अभी एसडीएम कोर्ट में है. न्यायालय ही इसपर फैसला करेगा. उन्होंने कहा कि जमीन हमारी है और हमारी ही रहेगी.
पहले जानें जमीन कब्जे का आरोप क्या है?
लखनऊ में चिनहट इलाके में 22.5 बीघा जमीन है. आयुष के परिवार ने 2012 में जमीन 6 करोड़ रुपये में खरीदी थी. आयुष सिंघल ने इसी जमीन को कब्जाने का आरोप लगाया है. आऱोप निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी और जेल में बंद अमरमणि त्रिपाठी पर है. आयुष का कहना है कि सरकार से गुहार के बाद भी जमीन पर कब्जा नहीं छूट रहा है.
अब जानें कौन हैं अमनमणि त्रिपाठी?
अमनमणि त्रिपाठी उत्तर प्रदेश के नौतनवा सीट से निर्दलीय विधायक हैं. पिता पूर्व विधायक अमरमणि त्रिपाठी मधुमिता हत्याकांड में जेल में बंद हैं. खुद अमनमणि त्रिपाठी पर भी पत्नी की हत्या का आरोप है. अमनमणि त्रिपाठी फिलहाल जमानत पर जेल से बाहर हैं. राज्यसभा चुनाव में अमनमणि त्रिपाठी ने बीजेपी उम्मीदवार को ही वोट दिया था.
लखनऊ के डीएम से दी सफाई
आयुष की शिकायत का मामला बढ़ता देख अब लखनऊ के डीएम कौशल राज शर्मा ने भी सफाई दी है. उन्होंने कहा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ से शिकायत के बाद पूरी कार्रवाई की गई है. शिकायत के तुरंत बाद पुलिस भेजी गई थी. डीएम ने बताया, ‘’जमीन का बंटवारा अभी लंबित है और ये मामला अभी एसडीएम की कोर्ट में है. जीमन का आठ खातेदारों में बंटवारा होना है और इसमें सिंचाई विभाग का भी हिस्सा है.’’
कल योगी के जनता दरबार में क्या हुआ?
लखनऊ से आए आयुष सिंघल नाम के शख्स ने आरोप लगाया कि जब वे अपनी फरियाद ले कर योगी के जनता दरबार में गए तो उन्होंने उसकी बात सुनने के बजाय फरियादी की फाइल फेंक कर धक्का दिया और बाहर जाने को कह दिया. मंगलवार को गोरखनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री पूजा-अर्चना और गो-सेवा करने के बाद योगी ने जनता दरबार लगाया था. इस दरबार में पूरे प्रदेश से कई फरियादी अपनी मांग लेकर आए हुए थे.
लखनऊ के चंद्रलोक कॉलोनी के रहने वाले आयुष सिंघल 28 फरवरी को भी योगी के जनता दरबार में फरियाद लेकर पहुंचे थे. लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण वे कल फिर जनता दरबार में पहुंचे.
सीएम योगी ने फाइल को घुमाकर फेंक दिया- सिंघल
सिंघल जनता दरबार से बाहर निकलकर रो रहे थे. उन्होंने बताया कि जब वे अंदर गए और मुख्यंमंत्री योगी आदित्यनाथ से अमनमणि त्रिपाठी की तरफ से जमीन कब्जा करने की बात कही तो उन्होंने फाइल को घुमाकर फेंका और धकेलकर बाहर निकलवा दिया. सिंघल ने ये भी आरोप लगाया कि योगी ने उनसे कहा कि तुम्हारी कभी कोई कार्रवाई नहीं होगी.
जान से मारने की धमकी देकर भगा दिया जाता है- सिंघल
सिंघल ने योगी के दरबार से बाहर निकलकर मीडिया के सामने अपनी आपबीती सुनाई. उन्होंने बताया कि किस तरह से अमनमणि के लोग उसे जमीन पर जाने नहीं देते हैं. जब भी वो अपनी जमीन पर जाते हैं तो उन्हे जान से मारने की धमकी देकर भगा दिया जाता है. सिंघल ने बताया कि उन्होंने कई बार इसकी शिकायत भी की है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
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