नई दिल्ली: अस्तित्व में आने के 73 साल बाद भी न तो पाकिस्तान की फितरत बदली है और न ही नीयत में कोई बदलाव आया है. पाकिस्तान भारत को चोट पहुंचाने के रास्ते तलाशता है. साजिश रचता है और दहशत के एजेंडे को पूरा करने के लिए हर हद तक जाता है. लेकिन भारत दुश्मनों की हर साजिश से अपने वतन की सुरक्षा करने के साथ-साथ दुनिया के सामने विज्ञान और तकनीक ऐसी मिसाल पेश करता है कि पाकिस्तान जैसे मुल्क बहुत पीछे छूट जाते हैं.
आज भी कुछ ऐसा ही हुआ है. दुनिया के नक्शे पर आज भारत सुर्खियों में इसलिए क्योंकि उसने परमाणु हमला करने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया. K-4 बैलेस्टिक मिसाइल 3500 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती है
देश की ये नई ताकत पलक झपकते ही दुश्मन देश के शहरों को तबाह कर सकती है. ये पानी के भीतर से निकलकर अभेद प्रहार कर सकती है. K-4 मिसाइल को हिंदुस्तान के दुश्मन किलर मिसाइल के नाम से भी पुकारते हैं. रविवार को पानी के भीतर के-4 मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया. डीआरडीओ ने के-4 मिसाइल को अरिहंत परमाणु पनडुब्बी के लिए तैयार किया है. रविवार को आंध्र प्रदेश के तट से सटी बंगाल की खाड़ी में इसका परीक्षण किया गया.
अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन के बाद भारत दुनिया का छठा ऐसा देश बन गया है जो जमीन, पानी और आकाश यानी आसमान से लेकर पाताल तक से परमाणु क्षमता वाली मिसाइल दाग सकता है. के-4 मिसाइल भारत के परमाणु कार्यक्रम का बेहद अहम हिस्सा है. जमीन और वायु से तो भारत पहले ही परमाणु हमला करने में सक्षम हो चुका था लेकिन K-4 मिसाइल पानी के अंदर से परमाणु हमला करने की ताकत बन चुकी है.
K-4 मिसाइल अपने साथ 200 किलो वजन तक परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है. ये मिसाइल समंदर की गहराई में मौजूद पनडुब्बी से छोड़ी जा सकती है और इसकी सबसे खास बात ये है कि दुश्मन का रडार मिसाइल को आसानी से पकड़ नहीं सकता. ये मिसाइल कुछ ही पलों में चीन और पाकिस्तान के शहरों पर निशाना लगाकर उसे पूरी तरह से तबाह करने में सक्षम है. हालांकि ऐसा नहीं है कि चीन और पाकिस्तान के पास ऐसी मिसाइलें नहीं हैं.
करीब 15 दिन पहले ही डीआरडीओ ने 19-20 जनवरी को लेकर बंगाल की खाड़ी में नोटैम (नोटिस टू एयरमैन) जारी कर सभी तरह के एयर ऑपरेशन्स को 3500 किलोमीटर तक ना करने की सलाह दे दी थी. अक्टूबर से अब तक K-4 मिसाइल का टेस्ट करीब चार बार खराब मौसम की वजह से टल चुका था. लेकिन रविवार को इतिहास बन गया. भारत काफी सालों से के सीरीज की मिसाइलों को बनाने पर पर काम कर रहा है.
मध्यम दूरी की ही K-15 न्यूक्लियर मिसाइल पहले से हैं. इसकी मारक क्षमता 750 से 1500 किमी तक की है. K-15 को सागरिका या BO5 मिसाइल के नाम से भी जाना जाता है, ये एक टन तक वजन तक हथियार ले जा सकती है. K-4 के बाद K-5 और K-6 मिसाइलों पर भी काम चल रहा है. K-5 की मारक क्षमता 5000 किमी तक है जबकि K- 6 की मारक क्षमता 6000 किमी तक होगी. K-4 मिसाइल को अरिहंत पनडुब्बी पर तैनात किया जाएगा. भारत के पास अरिहंत एकमात्र ऐसी पनडुब्बी है जो परमाणु क्षमता से लैस है.
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