नई दिल्ली: देश में इस वक्त सबसे ज्यादा चर्चा कोरोना वायरस को लेकर है. लोगों के पास इसको लेकर कई तरह की जानकारियां हैं. सोशल मीडिया पर भ्रम का ऐसा माहौल बन जाता है कि लोग सच और झूठ के बीच फर्क नहीं कर पाते हैं. कोरोना वायरस को लेकर डंके की चोट पर ट्विटर से लेकर वॉट्सऐप तक तमाम दावे किए जा रहे हैं. गर्मी में कोरोना वायरस का खतरा बढ़ेगा या घटेगा, इसको लेकर देश के दो बड़े अखबारों ने भी अलग-अलग दावा किया है.


81 देशों में पैर पसार चुका है कोरोना वायरस


कोरोना वायरस अब तक पूरी दुनिया में 3200 से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है. 12 जनवरी को सिर्फ चीन कोरोना वायरस से लड़ रहा था लेकिन एक महीने 23 दिन के भीतर ये वायरस 81 देशों में पैर पसार चुका है. पिछले पांच दिन में कोरोना वायरस दुनिया के 22 और देशों में फैल चुका है. भारत में कोरोना वायरस का पहला मामला जनवरी महीने में ही सामने आया था.


सोशल मीडिया पर वायरल है ये मैसेज


कोरोना वायरस से लोग दहशत में हैं और इस पूरे माहौल के बीच सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है. फेसबुक पर वायरल हो रही इस पोस्ट में लिखा है कि ये वायरस गर्मी प्रतिरोधी नहीं है और 26-27 डिग्री के वातावरण में मारा जाएगा. इसलिए वायरस से बचाव के लिए खूब गर्म पानी पीएं. जब तक शरीर गर्मी बनाए रखता है तब तक अधिक अदरक खाएं और व्यायाम करें. आप वायरस से संक्रमित नहीं होंगे. ज्यादा अदरक, लहसुन और काली मिर्च खाने से इसे हल किया जा सकता है. मीठा खट्टा नमकीन कम खाएं और ठंडे मौसम वाले क्षेत्र में ना जाएं. सूरज के संपर्क में आने पर वायरस पूरी तरह से गायब हो जाएगा.


एबीपी न्यूज़ ने की दावे की पड़ताल


एबीपी न्यूज़ ने इन दावों की पड़ताल शुरू की तो सबसे पहले देश के दो बड़े अखबार में छपी खबरें मिलीं. हिंदी अखबार दैनिक भास्कर में 3 मार्च को छपी खबर रिपोर्ट में लिखा था, ''बढ़ते तापमान के साथ कोरोना वायरस का खतरा बढ़ेगा.'' इस रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले दिनों में लोगों को और ज्यादा सावधानी बरतने को कहा गया था. जबकि, 4 मार्च को हिंदी अखबार हिंदुस्तान ने खबर छापी कि गर्मी बढ़ने से वायरस के संक्रमण का खतरा कम होगा. इस रिपोर्ट के लिए हिंदुस्तान अखबार ने चीन में हुए एक शोध का हवाला दिया था.


क्या है देश के मौसम का हाल?


तापमान बढ़ने या घटने का कोरोना पर क्या और कैसा असर होगा इस बात की पड़ताल के लिए पहले हमने देश के मौसम का हाल जाना. क्योंकि दोनों अखबारों ने तापमान को आधार बनाकर अलग-अलग दावा किया. मौसम का ताजा अपडेट ये है कि कल यानि 5 मार्च से लेकर 7 मार्च के बीच जम्मू कश्मीर और लद्दाख को एक पश्चिमी विक्षोभ प्रभावित करेगा. इसकी वजह से जम्मू कश्मीर के निचले इलाकों में बारिश होगी और जबकि लद्दाख और जम्मू कश्मीर के ऊंचे इलाकों में बर्फबारी होगी. 5 मार्च से शुरू हुई हल्की बारिश 6 मार्च को तेज होती जाएगी और इसी दौरान भारी बर्फबारी होने लगेगी.


जम्मू कश्मीर में बदले मौसम का असर दिल्ली एनसीआर तक होता है. सोमवार को दिल्ली में तापमान 28 डिग्री तक पहुंच गया था लेकिन पश्चिमी विक्षोब की वजह से आने वाले दिनों में 20 डिग्री तापमान रहने की भविष्यवाणी की गई है. भास्कर में छपी खबर के मुताबिक भारत में तापमान बढ़ने और नमी के कारण बीमारियां बढ़ती हैं.


देश के पूर्वी हिस्से गर्मी होने लगी है


इस वक्त देश के उत्तरी हिस्से यानि चंडीगढ़, जम्मू और अधिकतम तापमान 24 और न्यूनतम तापमान 13 से 15 डिग्री के आसपास है. देश के पूर्वी हिस्से यानि कोलकाता, गुवाहाटी और पटना में गर्मी होने लगी है. पश्चिमी हिस्से अहमदाबाद, मुंबई, और जयपुर में तापमान 30 के आसपास पहुंच चुका है. जबकि देश के दक्षिण हिस्से बेंगुलुरू, चेन्नई और तिरुवनंतपुरम में तापमान 34 डिग्री तक पहुंच चुका है.


हिंदुस्तान अखबार ने एक चीनी शोध का हवाला देते हुए कहा है कि 20 जनवरी से 4 फरवरी के के बीच न्यूनतम तापमान 1 डिग्री बढ़ने से संक्रमण में 0.86 फीसदी की कमी आई है. इस दावे के लिए हमने चीन में पिछले दो महीने के तापमान की जांच की. चीन के वुहान शहर में दिसंबर महीने में अधिकतम तापमान 11 डिग्री और न्यूनतम 2 डिग्री के आसपास था. जबकि, फरवरी महीने में वुहान शहर में अधिकतम तापमान 11 डिग्री और न्यूनतम 3 डिग्री के आसपास था. न्यूनतम तापमान में एक डिग्री की बढ़ोतरी हुई है लेकिन क्या इससे चीन के संक्रमण के मामलों में कमी आई है?


आंकड़ों में क्या पता चला?


हमने इस सवाल के जवाब की तलाश के लिए आंकड़ों को खंगाला तो पता चला कि चीन में कोरोना वायरस से 31 जनवरी को मरने वालों का आंकड़ा 259 था जबकि संक्रमित मरीजों की संख्या सिर्फ 12 हजार थी. 4 मार्च यानि आज मौत का आंकड़ा बढ़कर 2981 तक पहुंच गया और संक्रमित मरीजों की संख्या 80 हजार पार कर चुकी है. यानि चीज में तापमान भले ही बढ़ा हो लेकिन मामलों में कमी आती नहीं दिख रही है.


एबीपी न्यूज संवाददाता सुरभि काक दिल्ली के गंगाराम अस्पताल के सर्जन और लंग केयर फाउंडेशन के कंसल्टेंट डॉ हर्षवर्धन पुरी से मुलाकात की. डॉक्टर ने साफ किया कि गर्मी बढ़ेगी तो इंफेक्शन फैलने की रफ्तार धीमी होगी लेकिन वायरस का असर बिल्कुल खत्म हो जाए ऐसा नहीं कहा जा सकता. यहां पहले वाले दावे का जवाब मिल गया.


अदरक, लहसुन और काली मिर्च के दावे की सच्चाई?


दूसरा दावा पर जिसमें कहा जा रहा है कि अदरक, लहसुन और काली मिर्च जैसी चीजें कोरोना वायरस से बचाएंगी, इसपर डॉक्टर ने कहा कि खाने की चीज इम्यूनिटी बढ़ाती हैं. विटामिन सी बहुत अच्छा है. विटामिन सी हर वायरस के खिलाफ अच्छा है. सीजनल कफ वगैरह को रोकने का काम करता है. लोग ये नहीं समझ रहे कि ये एक नॉर्मल वायरस है जो बस तेजी से फैल रहा है. मतलब खाने की चीजों से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं, ये सोचकर मत खाएं कि काली मिर्च खाने से वायरस अटैक नहीं कर पाएगा.