(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
सैकड़ों लोगों की भीड़ के पटरी उखाड़ने वाले वायरल वीडियो की पड़ताल, जानिए इसकी सच्चाई
वायरल वीडियो 30 सेंकेड का है. इसमें सैकड़ों लोगों की भीड़ रेलवे की पटरी को बिना किसी डर के उखाड़ रही है. वायरल वीडियो देख लोगों ने अपना गुस्सा जाहिर किया कि कैसे ये लोग टैक्स के पैसों को खुलेआम बर्बाद कर रहे हैं.
नई दिल्ली: नागरिकता कानून के विरोध में देश की राजधानी दिल्ली से लेकर यूपी तक कई तस्वीरें आईं. लेकिन आज सबसे ज्यादा चर्चा उस तस्वीर की है जो सोशल मीडिया पर वायरल हुई है. 30 सेकेंड के वीडियो में सैकड़ों लोगों की भीड़ रेलवे की पटरी उखाड़ रही है. लोग पूछ रहे हैं कि ये लोग कौन हैं जो हमारे टैक्स के पैसों को खुलेआम बिना डरे बर्बाद कर रहे हैं. वीडियो देखकर देश गुस्से में है. लेकिन गुस्सा दिलाने वाला ये वीडियो आया कहां से है?
वायरल वीडियो में रेलवे ट्रैक पर हाथों में डंडे लिए सैकड़ों लोगों की भीड़ मौजूद है. एक आवाज आती है और चिल्लाते हुए सब उस डंडे से पटरी को उखाड़ फेंकने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दते हैं. भीड़ की ये सनक डराने वाली है. जहां ना तो इन्हें कानून का डर है और ना ही अपने देश की सरकारी संपत्ति के नुकसान की रत्ती भर भी चिंता है.
ABP न्यूज़ ने 29 सेकेंड के इस वीडियो की पड़ताल शुरू की. हमने इस वीडियो के सिरे इंटरनेट पर तलाशने शुरू किए तो देखा ट्विटर पर इस वीडियो को हजारों लोगों ने शेयर किया है और अपना गुस्सा जाहिर किया है. तस्वीरें देखकर देश के किसी भी जिम्मेदार नागरिक को गुस्सा आएगा. पड़ताल को आगे बढ़ाया तो हमें फेसबुक पर करीब 8 मिनट का वीडियो मिला जो 30 सेकेंड के वायरल वीडियो की पूरी कहानी सुना रहा था.
एक शख्स वीडियो बनाते हुए इस घटना की कॉमेंट्री कर रहा है. वीडियो बनाते हुए वो लगातार अपील कर रहा है कि इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर किया जाए क्योंकि ये मुसलमानों के लिए है. लेकिन वीडियो बनाने का असली मकसद तो तब पता चलता है जब एनआरसी और मोदी जैसे शब्द सुनाई देते हैं. वीडियो में आगे जो सुनाई देता है वो देश के लिए बेहद खतरनाक है क्योंकि इन्हें लगता है कि सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाकर ये अपनी बात मनवा सकते हैं. इन्हें ये कौन समझाएगा कि ये अपना ही नुकसान कर रहे हैं.
वीडियो में रेलवे पटरी के ऊपर प्लेटफॉर्म वाली जगह पर भी भीड़ खड़ी हुई है. वीडियो बनाने वाला शख्स बता रहा है कि स्टेशन खाली हो चुका है और उग्र भीड़ को देखकर सब भाग चुके हैं. बातचीत सुनकर लग रहा था कि वीडियो में बांगला भाषा है लेकिन सबूत इसी वीडियो में 4 मिनट पर मिला जब वीडियो बनाने वाला पूऱी धमक के साथ बता रहा है कि वीडियो कहां बनाया गया है.
इस वीडियो से जगह के बारे में एक महत्वपूर्ण सुराग मिला. मुर्शिदाबाद और सागरदिघी ये दोनों जगहों के नाम से साफ था कि वीडियो पश्चिम बंगाल का ही है अब बारी ये पता लगाने की थी कि क्या पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में सागरदिघी नाम की जगह पर भीड़ ने रेलवे पटरियों को उखाड़ने को अंजाम दिया है. पड़ताल शुरू की तो पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के कृष्णपुर रेलवे स्टेशन की तस्वीरें हैं जहां उग्र भीड़ ने पूरी ट्रेन को ही आग के हवाले कर दिया था.
जलती हुई ट्रेन के सामने बहुत सारे पत्थर बिखरे हुए दिखाई दे रहे थे यानी ट्रेन को जलाने से पहले स्टेशन पर तोड़फोड़ भी की गई थी. एक एक करके प्रदर्शनकारियों ने तीन ट्रेनों को फूंक दिया. तीनों ट्रेनें खाली थीं और स्टेशन पर पहले से रुकी हुई थीं. मुर्शिदाबाद के ही एक और लालगोला स्टेशन है जहां भीड़ ने पूरे स्टेशन को तहस नहस करके वहां आग भी लगा दी.
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में अलग-अलग स्टेशनों पर तोड़फोड़ और ट्रेनों को आग लगाने की ये तस्वीरें 13 दिसंबर शुक्रवार की हैं. ऐसा ही एक स्टेशन था मुर्शिदाबाद का बेलडांगा, जहां प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन फूंक दी थी. 14 दिसंबर यानी आग लगने के अगले दिन सबसे पहले एबीपी न्यूज संवाददाता आदर्श सिंह मुर्शिदाबाद के बेलडांगा स्टेशन पहुंचे थे.
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स्टेशन पर खड़ी हुई बोगी बुरी तरह जली हुई थी लेकिन उससे ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि ट्रेन की बोगी में लगी आग को बुझाने आई दमकल की गाड़ी को भी प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया था. 13 दिसंबर को लगी आग के शोले 14 दिसंबर की सुबह तक धधकते हुए दिखाई दे रहे थे. हिंसा नागरिकता बिल के विरोध में हो रही थी. एबीपी न्यूज ने मुर्शिदाबाद में सड़क पर निकली भीड़ से पूछा कि आप विरोध में ऐसी हिंसा को अंजाम क्यों दे रहे हैं तो उन्होंने कहा कि आवाज तो पहुंचानी होगी.
ट्रेन की पटरी उखाड़ने वाले वायरल वीडियो से जुड़ा सुराग बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के ट्वीट से मिला. 17 दिसंबर को कैलाश विजयवर्गीय ने ये वीडियो ट्वीट करते हुए कहा था कि पश्चिम बंगाल में नागरिकता बिल के विरोध में जो हिंसा और तोड़फोड़ हुई वो सब सुनियोजित थी. इसे ममता सरकार घुसपैठियों की मिली जुली चाल समझा जाना चाहिए. जुमे की नमाज के बाद रेल की पटरी उखाड़ने वालों के पास आखिर एक जैसे सब्बल कहां से आए.
सवाल बहुत वाजिब था. पटरी उखाड़ने वाले हर हाथ में एक जैसा ही डंडा या हथियार था, ये कहां से आया? विजयवर्गीय के ट्वीट की माने तो रेल ट्रैक उखाड़ने का ये वीडियो 13 दिसंबर को जुमे की नमाज के बाद का है. हिंसा में सबसे ज्यादा नुकसान रेलवे को हुआ है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के बाद 57 ट्रेनों को कैसिंल किया गया है. जबकि 5 ट्रेनों के रुट बदलने पड़े हैं. रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी तो प्रदर्शनकारियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए हैं.
इसमें कोई शक नहीं है कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में प्रदर्शनकारियों ने हिंसा की और ट्रेनें फूंकी. वायरल वीडियो भी 13 दिसंबर का ही हो सकता है लेकिन ये मुर्शिदाबाद के कौन से स्टेशन का है ये पता लगाने के लिए हमारी पड़ताल जारी है ताकि हम आपको उस स्टेशन की टूटी हुई पटरियों की तस्वीर दिखा सकें.
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