Mathura: प्रशासन ने नहीं किए गए थे कोई खास इंतजाम? अधिकारियों पर लगे ये आरोप, चश्मदीद ने बताया क्यों हुआ हादसा
Vrindavan News: जन्माष्टमी के मौके पर वृंदावन में स्थित बांके बिहारी (Banke Bihari Mandir) के प्रसिद्ध मंदिर में देर रात भारी भीड़ जुटने के बाद अव्यवस्था फैल गई और दो लोगों की जान चली गई.
Mathura Janmashtami Death: मथुरा (Mathura) के बांके बिहारी मंदिर (Banke Bihari Mandir) के परिसर में शुक्रवार रात भगदड़ के बाद दो लोगों की मौत हो चुकी है. जन्माष्टमी (Janmashtami) के मौके पर यूपी के मथुरा में हादसे में दो लोगों की जान जाने के बाद व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. एबीपी न्यूज की टीम उस प्रांगण में पहुंची, जहां पर भगदड़ मची थी. साथ ही चश्मदीद ने एबीपी न्यूज को पूरे प्रांगण में घूमकर दिखाते हुए बताया कि शुक्रवार को यहां क्या मंजर था, जब भगदड़ मची थी.
सेवा अधिकारी और प्रबंध कमिटी के सदस्य दिनेश गोस्वामी ने बताया कि पुलिस प्रशासन या मंदिर प्रशासन की तरफ से कोई खास व्यवस्था या सुविधा नहीं थी.
क्या नहीं किए गए थे कोई खास इंतजाम?
वृंदावन में स्थित बांके बिहारी के प्रसिद्ध मंदिर में देर रात भारी भीड़ जुटने के बाद अव्यवस्था फैल गई और दो लोगों की जान चली गई. कई लोगों की हालत बिगड़ गई. सेवा अधिकारी और प्रबंध कमिटी के सदस्य दिनेश गोस्वामी ने बताया कि पुलिस प्रशासन या मंदिर प्रशासन की तरफ से कोई सुविधा नहीं थी. भीड़ तो इतनी होनी थी और ये बात तो पहले से सबको पता थी, लेकिन इसके लिए कोई खास इंतजाम नहीं किए गए थे.
अधिक भीड़ की वजह से मची भगदड़!
मथुरा में हादसे को लेकर सेवा अधिकारी और प्रबंध कमिटी के सदस्य ने बताया कि भीड़ बहुत ज्यादा थी और लोग एक दूसरे के ऊपर चढ़ रहे थे. उन्होंने बताया कि शुक्रवार को जब भगदड़ मची तो लोग अपनी जान बचाने के लिए उसी प्रांगण की दीवार पर चढ़ने लगे. भीड़ के अंदर जाने से मंदिर के गार्ड भी डर रहे थे. कोई व्यस्था नहीं थी. वीआईपी को पहले दर्शन कराने के लिए दबाव बनाने की भी बात कही जा रही है.
प्रशासन के अधिकारियों पर क्या है आरोप?
वृंदावन (Vrindavan) स्थित बांके बिहारी के प्रसिद्ध मंदिर (Banke Bihari Temple) में हादसे को लेकर सेवा अधिकारी और प्रबंध कमिटी के सदस्य दिनेश गोस्वामी (Dinesh Goswami) ने ये भी आरोप लगाया कि प्रशासन के आला अधिकारी अपने परिजनों को दर्शन कराने के लिए ऊपर की मंजिल पर ले गए थे. ऊपर जाने की सीढ़ियों का गेट बंद कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि अगर दरवाजा खुला रहता तो शायद ये हादसा नहीं होता. सेवा अधिकारी का कहना था कि प्रशासन के अधिकारी अपने परिजनों को साथ लेकर बालकनी से दर्शन करा रहे थे.