Plea in Court in Mathura: मथुरा अब मंदिर-मस्जिद की राजनीति का नया केंद्र बन सकता है. इसके लिए वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे कराने का कोर्ट का फैसला नजीर बन रहा है. वकीलों और कानून के कुछ छात्रों के एक समूह ने मथुरा की एक कोर्ट में याचिका दायर कर मुसलमानों को शाही ईदगाह मस्जिद (Shahi Idgah Mosque) में नमाज अदा करने से रोकने की मांग की है. कटरा केशव देव मंदिर के 13.37 एकड़ के परिसर के भीतर, मस्जिद को हटाने की मांग करते हुए अलग-अलग हिंदू समूहों की ओर से पहले मथुरा की अदालतों में 10 अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई थीं, जिनके बारे में उनका दावा है कि मस्जिद को देवता के जन्मस्थान पर बनाया गया.


मथुरा कोर्ट (Mathura Court) में दायर याचिका में कहा गया है कि अधिकांश हिंदू समुदाय का मानना ​​है कि भगवान कृष्ण का जन्म उसी स्थान पर हुआ था जहां मस्जिद है. मथुरा के सिविल जज सीनियर डिवीजन के यहां अर्जी आई है. जिसमें मांग की गई है कि मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद में मूल गर्भ गृह को सील किया जाए. जिस जगह पर आने-जाने पर रोक है, उसकी उचित सुरक्षा व्यवस्था हो. प्राचीन हिंदू धार्मिक चिह्नों और कलाकृतियों को नष्ट होने से बचाया जाए.


ये भी पढ़ें:


Yamuna Expressway Accident: मथुरा में यमुना एक्सप्रेसवे पर बड़ा हादसा, ट्रक से टकराई श्रद्धालुओं से भरी बस - 3 की मौत, कई घायल


अयोध्या और काशी के बाद अब मथुरा की बारी?


याचिकाकर्ताओं में से एक वकील शैलेंद्र सिंह ने दावा किया कि मस्जिद उस स्थान पर बनाई गई थी जहां कभी एक मंदिर था. उन्होंने कहा कि चूकि संरचना एक हिंदू मंदिर के अवशेषों पर बनाई गई है, यह एक मंदिर के समान है और मस्जिद की योग्यता के योग्य नहीं है. उनका कहना है कि मस्जिद कुरान में निर्धारित पूर्व शर्त को पूरा नहीं करती है, जिसमें कहा गया है कि एक ऐसी निर्विवाद भूमि पर एक मस्जिद बनाई जानी चाहिए जिसमें किसी अन्य धर्म का कोई निशान न हो. कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 1 जुलाई की तारीख दी है.


ये भी पढ़ें:


Hanuman Chalisa Row: नवनीत राणा और उनके पति पर जमानत खारिज होने की लटकी तलवार, दोनों पर है ये आरोप