Supreme Court on Mathura Shri Krishna Janmabhoomi Case: मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नवंबर महीने के लिए टली. फिलहाल विवादित परिसर के सर्वे पर लगी अंतरिम रोक जारी रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट ने सभी मुकदमों को सुनवाई योग्य ठहराया है. उस आदेश का अध्ययन करने के बाद ही आगे सुनवाई की जा सकती है. मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुननी होंगी.
मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि इस केस में समय लगेगा. इसमें लंबी सुनवाई की जरूरत है. 21 अक्टूबर के बाद ही अब इसमें सुनवाई की जाएगी. इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से निचली अदालत में लंबित कुल 18 मुकदमों को सुनवाई के लिए अपने पास ट्रांसफर किए जाने का आदेश दिया था. इस फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था.
क्या है हिंदू पक्ष का दावा
न्यायालय ने सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की इस दलील को खारिज कर दिया कि कृष्ण जन्मभूमि मंदिर और उससे सटी मस्जिद के विवाद से संबंधित हिंदू वादियों की ओर से दायर किए गए मुकदमे पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम का उल्लंघन करते हैं और इसलिए वे सुनवाई योग्य नहीं हैं. हिंदू पक्ष की ओर से दायर किए गए मामलों में औरंगजेब के समय की मस्जिद को हटाने की मांग की गई है. हिंदू पक्ष का दावा है कि यह मस्जिद यहां मौजूद मंदिर को ध्वस्त करके बनाई गई थी.
हिंदू पक्ष की ओर से कैविएट दायर
हिंदू पक्षकारों ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर कर अनुरोध किया है कि यदि मुस्लिम पक्ष इलाहाबाद हाई कोर्ट के हालिया आदेश को चुनौती देते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाता है तो उनका भी पक्ष सुना जाए. हाई कोर्ट ने मथुरा में मंदिर-मस्जिद विवाद से संबंधित 18 मामलों की पोषणीयता के खिलाफ याचिका खारिज कर दी थी. यह कैविएट वकील विष्णु शंकर जैन के माध्यम से दायर की गई ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यदि दूसरा समूह शीर्ष अदालत में जाता है तो हिंदू पक्षकारों के खिलाफ कोई एकपक्षीय आदेश नहीं दिया जाए. कैविएट आवेदन किसी वादी की ओर से यह सुनिश्चित करने के लिए दायर किया जाता है कि उसका पक्ष सुने बिना उसके विरुद्ध कोई प्रतिकूल आदेश पारित न किया जाए.
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