Krishna Janmabhoomi-Shahi Idgah Row: भगवान श्रीकृष्ण (Lord Shri Krishna) की नगरी मथुरा (Mathura) में कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह का मामला फिर सुर्खियों में है. कल इस विवाद में जिला अदालत ने बड़ा आदेश दिया. अदालत ने कहा कि यहां भी वाराणसी (Varanasi) के ज्ञानवापी परिसर (Gyanvapi Case) की तरह मस्जिद का सर्वे होगा. यह आदेश अदालत ने हिंदू सेना की एक याचिका पर दिया. आदेशानुसार, 2 जनवरी 2023 से यहां सर्वे होगा. उसके बाद उसकी रिपोर्ट 20 जनवरी को अदालत में पेश की जाएगी. अदालत का आदेश आते ही इस मामले पर हिंदू-मुस्लिम धर्मगुरुओं और संगठनों की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं.
हिंदू सेना (Hindu Sena) अध्यक्ष और कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह (Krishna Janmasthan-Shahi Idgah Mosque) मामले में याचिकाकर्ता विष्णु गुप्ता ने आज (25 दिसंबर) कहा कि अभी सब कुछ कानूनी रूप से आगे बढ़ रहा है और कुछ भी अवैध नहीं है. उन्होंने कहा, ''हमें इंतजार है कि मामले का जल्द निपटारा हो. हिंदुओं को न्याय मिले.'' गुप्ता ने यह भी कहा कि हमें अदालत पर भरोसा है, जिसने सभी पक्षों को नोटिस जारी करते हुए कहा है कि अदालत के आदेश का पालन करें. उन्होंने कहा, "आगे जो होगा, अदालत ही तय करेगी. हमने अदालत को सभी सबूत मुहैया कराए हैं. अदालत ने सभी सबूतों को देखा है और फिर सर्वे का आदेश दिया है."
'भगवान कृष्ण की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर हो'
गुप्ता ने कहा, "हम न्याय की उम्मीद कर रहे हैं. हमें लगता है कि जल्द ही भगवान कृष्ण की जन्मभूमि पर भगवान कृष्ण का एक भव्य मंदिर बनाया जाएगा." उन्होंने कहा, "अब देश के हिंदू बहुत खुश हैं जो बरसों से न्याय मांग रहे हैं. अब अदालत ने सर्वे का आदेश दे दिया है, इससे हमें तसल्ली हुई है."
'ईदगाह कमेटी के साथ हुआ समझौता गलत'
विवादित जमीन के वास्तविक मालिकाना हक पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि जमीन ट्रस्ट की है जो भगवान श्रीकृष्ण के नाम पर है. उन्होंने कहा, "वहां एक और ट्रस्ट चल रहा है. उसका नाम भगवान श्री कृष्ण जन्मस्थल सेवा संघ है. उस ट्रस्ट का कोई मालिकाना हक नहीं है. 1968 में ट्रस्ट ने मस्जिद कमेटी और ईदगाह कमेटी के साथ एक समझौता किया था. हमने उस समझौते का उल्लेख किया है और वह समझौता गलत है. जिस व्यक्ति के पास वह जमीन नहीं है, उसके पास मालिकाना हक नहीं, ..तो कोई ऐसे किसी व्यक्ति या संस्था से कैसे सहमत हो सकता है?"
आगे क्या-क्या होगा, कैसे अदालत ने दिया आदेश?
कानून के जानकारों के मुताबिक, मथुरा की स्थानीय अदालत के शनिवार के आदेश के बाद अब विवादित स्थल का सर्वे होगा. इसके लिए अदालत ने एक कमिश्नर नियुक्त किया है जो घटनास्थल का दौरा करेगा, स्थिति देखेगा, रिकॉर्डिंग करेगा और उसे अदालत में जमा करेगा. यह बता देना भी जरूरी है कि बीते 8 दिसंबर को दिल्ली निवासी हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता और उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव ने अदालत में दावा किया था कि ईदगाह का निर्माण मुगल बादशाह औरंगजेब ने भगवान कृष्ण की जन्मभूमि की 13.37 एकड़ जमीन पर बने मंदिर को तोड़कर किया था. उनकी याचिका में श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ बनाम शाही मस्जिद ईदगाह के बीच वर्ष 1968 में हुए समझौते को भी चुनौती दी गई है.
यह भी पढ़ें: भारत में ईसाई धर्म, मुगल दरबार और 'अकबर चर्च'..., जानिए इतिहास की एक दिलचस्प यात्रा