Hema Malini on Mathura Temple: बीजेपी की सांसद हेमा मालिनी (Hema Malini) ने रविवार को उम्मीद जताई कि अयोध्या (Ayodhya) और काशी के बाद उनके निर्वाचन क्षेत्र मथुरा को भी भव्य मंदिर मिलेगा. साथ ही उन्होंने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) का भी हवाला दिया. हेमा मालिनी (Hema Malini) ने रविवार को इंदौर में कहा, 'राम जन्मभूमि और काशी के कायाकल्प के बाद स्वाभाविक रूप से मथुरा भी बहुत महत्वपूर्ण है.'
मालिनी ने कहा, 'प्यार और स्नेह के प्रतीक भगवान कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा की सांसद होने के नाते, मैं कहूंगी कि एक भव्य मंदिर होना चाहिए. एक मंदिर पहले से ही है और मोदी जी द्वारा विकसित काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तरह इसे नया रूप दिया जा सकता है. यह परिवर्तन (काशी विश्वनाथ का कायाकल्प और पुनर्विकास) बहुत कठिन था. यह उनकी (मोदी की) दूरदर्शिता को दर्शाता है. मथुरा में भी ऐसा ही होगा.'
मथुरा में मंदिर बनाने को लेकर पहले कई मंत्री दे चुके हैं बयान
इससे पहले केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री संजीव बाल्यान ने कहा था कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर एक भव्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है, कृष्णा की जन्मभूमि मथुरा में भी 'कुछ बड़ा और भव्य' बनाया जाना चाहिए. राम की भूमि में तो भव्य मंदिर बन गया है, पर कृष्णा की भूमि में कुछ बड़ा होना चाहिए.
ये भी पढ़ें-
Winter Season: दिल्ली, UP समेत शीत लहर की चपेट में आए कई राज्य, जानें कब मिलेगी कड़ाके की ठंड से राहत
UP Election 2022: योगी सरकार पर जमकर बरसे हार्दिक पटेल, IT Raid पर भी कही बड़ी बात
उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण सिंह ने पहले कहा था कि साइट पर एक कृष्ण मंदिर बनाया जाना चाहिए. बलिया से बीजेपी सांसद रवींद्र कुशवाहा ने भी इसी तरह का बयान दिया था. उन्होंने कहा कि जब मोदी सरकार कृषि कानूनों को निरस्त कर सकती है, तो वह मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि पर एक भव्य मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 को भी वापस ले सकती है. इससे पहले यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी ट्वीट किया था, "अयोध्या और काशी में भव्य मंदिर का शिलान्यास शुरू हो गया है, अब मथुरा की तैयारी की जा रही है."
दरअसल, कृष्ण मंदिर पर विवाद पिछले साल लखनऊ के एक वकील और पांच अन्य लोगों द्वारा मथुरा जिला अदालत में अपील दायर करने के बाद शुरू हुआ था, जिसमें दावा किया गया था कि मस्जिद स्थल भगवान कृष्ण का जन्मस्थान है. एक स्थानीय अदालत 17वीं सदी की मस्जिद को 'हटाने' की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है.