Maulana Arshad Madani on Muslims: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने रविवार (तीन नवंबर, 2024) को दिल्ली के इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में संविधान बचाओ सम्मेलन के दौरान भारत के मुसलमानों को लेकर बड़ी बात कही. उन्होंने कहा कि मुसलमान हिंदुस्तान में बाहर से नहीं आए हैं. अगर हिंदू गुजर है तो मुसलमान भी गुजर है. हिंदू जाट है तो मुस्लिम भी जाट है. दिल्ली के अंदर मस्जिदें 400- 500 साल पुरानी हैं. ऐसे में कौन 500 साल पुराने दस्तावेज पेश करेगा? ये मुसलमानों की जमीन को हड़पना चाहते हैं.


अरशद मदनी ने कहा, "लाखों लोगों के सामने कह रहा हूं, कोई माई का लाल नहीं जो ये कहे कि हमने मुल्क की आजादी में मुस्लिम उलेमाओं जैसी शहादत दी." वहीं, इशारों - इशारों में भाजपा का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि फ़िरकापरस्त ताकतें आग लगाना चाहती हैं, हिंदू अलग मुसलमान अलग,सिख अलग, लेकिन हम कहते हैं कि हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई सब भाई है. आज भाईचारे को आग लगाई जा रही है. 


मुसलमानों के लिए बना रहे जहन्नुम 


मौलाना के मुताबिक, "इस मुल्क में रहने वाले मुसलमानों के लिए जहन्नुम बना रहे हैं. जो हो रहा है, वो मुल्क को आग लगाने के लिए हो रहा है. दिल्ली के अंदर हमारी मस्जिदें 400-500 साल पुरानी हैं. हिंदुस्तान का वो तबका जो इन जमीनों को हड़पना चाहता है. कौन 500 साल पुराने दस्तावेज पेश करेगा. आप मुसलमानों की जमीन को हड़पना चाहते है. हराम खाना चाहते हो. इस्लाम, अल्लाह का चिराग है और अल्लाह का चिराग कभी नहीं बुझेगा, बल्कि इसे बुझाने वाले खुद बुझ गए. इस्लाम इसी मुल्क के अंदर जिंदा रहेगा. इस्लाम का चिराग हिंदुस्तान में जलता रहा था और आगे भी जलता रहेगा". 


इंडिया ब्लॉक को वोट देने का किया था अपील 


अरशद मदनी ने लोकसभा में बीजेपी के कम सीट आने के लेकर कहा कि गठबंधन की पॉलिसी को अच्छा समझता हूं. विपक्ष के इंडिया ब्लॉक ने जो अपना मेनिफेस्टो जारी किया, जिसमें राहुल गांधी ने कहा कि हमारी हुकूमत बनेगी तो हम हर धर्म को उनके मजहब के मुताबिक चलने की आजादी देंगे. मैंने उनकी बात की कद्र करता हूं. इसलिए मैंने उस गठबंधन को वोट देने की अपील की. जिसमें मुसलमान को अपना मजहब फॉलो करने की छूट हो. मुझे खुशी है कि गठबंधन आगे निकला और बीजेपी हार गई.


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