Ram Mandir: जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने एक बार फिर से बाबरी मस्जिद और राम मंदिर को लेकर बयान दिया है. मदनी का कहना है कि उन्होंने दशकों पहले ऐलान किया था कि बाबरी मस्जिद किसी मंदिर के अवशेषों पर नहीं बनाई गई थी और उनकी बातें आखिरकार सही साबित हुईं. अरशद मदनी ने लखनऊ में सुन्नी डिग्री कॉलेज में आयोजित हुए एक ट्रेनिंग प्रोग्राम में जमीयत के सदस्यों को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं. 


मौलाना अरशद मदनी ने कहा, 'हमने अयोध्या में बाबरी मस्जिद के लिए लंबी अदालती लड़ाई लड़ी. वास्तव में हमने इस लड़ाई में जीत हासिल की. कोर्ट ने यह नहीं कहा कि इस मस्जिद को किसी मंदिर के ऊपर बनाया गया था. उसने केवल बड़ी संख्या में लोगों की धार्मिक मान्यताओं के आधार पर संपत्ति को दूसरे पक्ष को सौंप दिया.' मदनी जिस कार्यक्रम में बोल रहे थे, वहां हिस्सा लेने के लिए उत्तर प्रदेश के मध्य क्षेत्र के 37 जिलों के प्रतिनिधि पहुंचे हुए थे. 


तोड़कर नहीं बनी थी बाबरी मस्जिद: मौलाना मदनी


टेलिग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, अरशद मदनी ने कहा, 'हमने अदालत को बताया था कि अगर किसी भी प्रार्थना स्थल को किसी अन्य धर्म के मंदिर के अवशेषों के ऊपर बनाया गया है, तो वहां नमाज अदा करने की इजाजत नहीं है. ये साबित भी हुआ कि बाबरी को किसी मंदिर को तोड़कर नहीं बनाया गया था. यहीं पर हमारी जीत होती है.' 


देश के सबसे बड़े मुस्लिम संगठन के प्रमुख मौलाना मदनी ने आगे कहा, 'इसके अलावा हम सहिष्णु लोग हैं और आजादी की लड़ाई में अपनी असाधारण भागीदारी के लिए जाने जाते हैं. हम आज भी उन सच्चे राष्ट्रवादियों में से हैं, जो एक बेहतर भारत के निर्माण में लगे हुए हैं.' सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में हिंदू पक्ष के पक्ष में फैसला सुनाया था.


जनवरी में होगी राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा


अयोध्या में अगले साल 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है. ऐसे में मदनी के बयान को इस नजरिए से देखा जा रहा है कि वह मुस्लिमों से अपील कर रहे हैं कि हालिया घटनाक्रम के मद्देनजर किसी भी तरह के विरोध-प्रदर्शन करने की जरूरत नहीं है. राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आमंत्रित किया गया है. इसके अलावा कई सारी प्रमुख हस्तियों को धीरे-धीरे प्राण प्रतिष्ठा का आमंत्रण भी भेजा जा रहा है. 


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