Maulana Arshad Madani on SC: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (13 नवंबर, 2024) को बुलडोजर एक्शन को लेकर फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा है कि बगैर सुनवाई आरोपी को दोषी करार नहीं दिया जा सकता है. इस बीच जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला अच्छा है. जब मध्यप्रदेश के अंदर बुलडोजर चला था, तब ये अचंभा हुआ था. तब हम कोर्ट में गए थे, यह जमीयत उलेमा हिंद की बड़ी उपलब्धि है.


अरशद मदनी ने कहा "ये कुदरत का करिश्मा है कि फैसला गरीबों के हक में आया. इसमें हिन्दू और मुसलमानों, दोनों के घर गिराए गए थे, लेकिन ये हकीकत ये भी है कि  95 प्रतिशत मुसलमानों का घर गिराया गया. असम सरकार पूरे जगहों पर मुसलमानों के गांव गिरा देते हैं. 15 दिन का मौका मिलना चाहिए. वो इसे लेकर कोर्ट में जाएंगे हो सकता है कि कोर्ट का फैसला सरकार के हक में आए, लेकिन आप मौका तो दो". 


'फैसला गरीबों के हक में आया'
मदनी ने आगे कहा "हाई कोर्ट के अंदर मौका मिलता है हमें, चूंकि ये पूरे मुल्क का मसला था इसलिए हम सुप्रीम कोर्ट में गए. हमने बेहतर वकीलों की मदद ली और ये अल्लाह का शुक्र है कि फैसला गरीबों के हक में आ गया. हम ये समझते हैं कि आने वाले समय में ये एक्शन रुकेगा. प्रशासन अब 10 बार सोचेगा. ये अच्छी बात है कि मुल्क का दस्तूर इसी तरह महफूज रह सकता है. अगर कोई किसी भी तरह कानून को चलाएगा तो ये मुल्क बर्बाद हो जाएगा. हिन्दू और मुसलमान दोनों धर्म के लोग इस फैसले से खुश होंगे".


बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (13 नवंबर, 2024) को बुलडोजर एक्शन पर अपना फैसला सुनाते हुए कहा है कि बिना सुनवाई किये आरोपी को दोषी करार नहीं दिया जा सकता है. वहीं, सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि कोई भी अधिकारी इस मामले में मनमानी कार्रवाई नहीं कर सकता है.


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