Maulana Mahmood Madani Statement: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी अक्सर ही इस्लाम को लेकर बड़े-बड़े बयान जारी करते हैं. एक बार फिर से उन्होंने इसी तरह का बयान दिया है. उनका कहना है कि मुल्क में बसने वाले एक तबके से भले ही हम अलग जरूर हैं, लेकिन हम उनके खिलाफ नहीं हैं. अलग होना चीजों को खूबसूरत बनाता है, लेकिन खिलाफ होना चीजों को मुश्किल बनाता है. उन्होंने कहा कि हमारा मुल्क है, जो अलग-अलग होने के बावजूद जुड़ा हुआ है. इसमें मुसलमानों का बड़ा किरदार है. 


उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान चले गए होते या भेज दिया होता यह सब सोचना गलत है. उनका कहना है कि उनका कनेक्शन इस देश की सरजमीं से है. 'न बुलाए आपके आए हैं ना निकाले आपसे जाएंगे'. हमारे पूर्वजों ने चटाई पर बैठकर उस हुकूमत की खिलाफत की जिस हुकूमत का सूरज नहीं डूबता था. ऐसे में हम अभी कैसे हार जाएंगे. इस मुल्क में बसने वाली बहुसंख्यक वर्ग से हमारा झगड़ा नहीं है हम किसी के भी खिलाफ नहीं हैं. 


'नहीं होनी चाहिए इस्लाम से शिकायत'


उन्होंने कहा कि वह आरएसएस (RSS) और उसके सर संघचालक को न्योता देते हैं. आइए आपसी भेदभाव और दुश्मनी को भूलकर एक-दूसरे को गले लगाए और देश को दुनिया का सबसे शक्तिशाली मुल्क बनाएं. हमें सनातन धर्म के फरोग (रोशनी) से कोई शिकायत नहीं है. आपको भी इस्लाम से कोई शिकायत नहीं होनी चाहिए. 


'हिंदुत्व की गलत परिभाषा दी जा रही है'


उन्होंने कहा कि हमारे (मुसलमानों) खिलाफ पिछले कुछ सालों में घटनाएं बढ़ गई हैं. सरकार या प्रशासन उन घटनाओं पर जिस तरीके से एक्शन लेना चाहिए था और जो उनकी जिम्मेदारी थी वह उस जिम्मेदार से पालन नहीं कर रहा. उन्होंने कहा कि देश में हिंदुत्व की गलत परिभाषा दी जा रही है. 


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