नई दिल्ली: निजामुद्दीन की तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना मोहम्मद साद ने दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की ओर दिए गए नोटिस का जवाब दिया है. साद ने जवाब में कहा है कि उसका मरकज सील है और उसने खुद को क्वॉरंटीन कर लिया है. लिहाजा वह पुलिस की ओर से पूछे गए किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे सकता. यानी जो मौलाना साद कोरोना को कुछ भी नहीं मानता था अब कोरोना वायरस की आड़ में ही बचने की कोशिश कर रहा है.
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने मौलाना साद को एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद एक नोटिस जारी किया था. इस नोटिस में कुल 36 सवाल पूछे गए थे. जिनमें पूछा गया था कि तब्ली्गी मरकज में कुल कितने कर्मचारी काम करते हैं? उनके फोन नंबर और पते क्या हैं? क्या उसकी जमात में पिछले तीन सालों के दौरान कोई आयकर रिटर्न फाइल किया है? अगर किया है तो उसकी कॉपी उपलब्ध कराई जाए.
मौलाना ने किया खुद को सेल्फ क्वॉरंटीन
पुलिस के मुताबिक मौलाना साद की तरफ से जवाब आ गया है. इस जवाब में मौलाना साद ने कहा है कि उसके सभी साथियों ने और खुद उसने सेल्फ क्वॉरंटीन कर लिया है. लिहाजा वह 14 दिनों के लिए ना तो कहीं जा सकता है और ना ही किसी से कुछ पूछ सकता है.
जवाब में कहा गया है कि उसका मरकज इस समय सील है. लिहाजा वहां से कोई दस्तावेज आदि भी बाहर नहीं आ सकता. जवाब में कहा गया है कि वह सेल्फ क्वॉरंटीन होने के नाते नोटिस का जवाब देने में सक्षम नहीं है. पुलिस के एक आला अधिकारी ने बताया कि साद के जवाब का आकलन किया जा रहा है.
14 दिनों तक नहीं की जा सकती पूछताछ
पुलिस सूत्रों के मुताबिक पुलिस प्रशासन मौलाना साद के जवाब से इत्तेफाक रखता है क्योंकि मौलाना इस पूरे समय में मरकज में मौजूद रहा है और मरकज के सैकड़ों लोगों को कोरोना वायरस पॉजिटिव पाया गया है. ऐसे में इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि मौलाना साद को भी कोरोना वायरस हो सकता है.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक इन 14 दिनों के दौरान मौलाना साद से पूछताछ भी नहीं की जा सकती क्योंकि ऐसा करना मेडिकल नियमों का उल्लंघन होगा यानी कुल मिलाकर कोरोना वायरस को कुछ भी ना मानने वाला मौलाना साद कोरोना वायरस की आड़ में जवाब देने से बच गया है.
ये भी पढ़ें
कोविड-19 के मरीजों के इलाज में मलेरिया रोधी दवा का इस्तेमाल खतरनाक: वैज्ञानिक