Diwali In Ayodhya: दिवाली की पूर्व संध्या पर (30 अक्टूबर 20204) आयोध्या में आयोजित दीपोत्सव में राम की पैड़ी पर 25 लाख12 हजार 585 दीयों का प्रज्ज्जवलन किया गया. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम का शुभारंभ पहला दीया जलाकर किया. पीएम मोदी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दीपोत्वस से जुड़े थे. इसे लेकर देश में राजनीति भी गरमाई हुई है. अखिल भारतीय इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने दीपोत्सव कार्यक्रम में किए गए खर्च को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा, जिसके बाद बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने उन्हें आइना दिखा दिया.
मौलाना साजिद रशीदी ने उठाए सवाल
एक टीवी चैनल पर डिबेट के दौरान मौलाना साजिद रशीदी ने कहा, "सरकार का इस कार्यक्रम में करोडों रुपया खर्च हो रहा है, अगर यही पैसा उन बेरोजगारों को मिल जाता जो उच्च शिक्षा लेकर घूम रहे हैं तो शायद उन्हें कुछ फायदा हो जाता. छोटी-छोटी बहुत सारी कंपनियां लग जाती. उनके बाल-बच्चे पल जाते. त्योहार मनाने से कोई मना नहीं कर रहा, लेकिन क्या देश के संविधान में किसी सीएम या पीएम को ये इजाजत है कि सरकार का पैसा किसी धार्मिक काम में लगा दें. आपको (बीजेपी) बस ये दिखाना होता है कि हम हिंदू हृदय सम्राट हैं."
'काफिरों से क्यों लेते थे हज सब्सिडी'
इस पर बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, "जितने भी बड़े-बड़े हिंदू मंदिर हैं उनका सारा दान सरकार लेती है. जितना सरकार मंदिरों से लेती है, उसका 1/10 भी खर्च नहीं होता है. सरकार के खर्च पर हज सब्सिडी लेने में समस्या नहीं थी. जब पीएम और सीएम आवास में सरकारी पैसे से इफ्तार का आयोजन हुआ तो आपको कोई आपत्ति नहीं थी. काफिरों की ओर से दिए गए रोजा इफ्तार को आप बडे़ जलवे से लेते थे. हज अपने पैसे से करनी चाहिए और हज सब्सिडी सरकार देती थी. सरकार में 90 फीसदी टैक्स देने वाले मौलाना साजिद रशीदी के हिसाब से तो काफिर हैं तो काफिरों के पैसे से हज करने में समस्या नहीं है. काफिरों के पैसे से रोजा-इफ्तार करने में समस्या नहीं है."
रामलला की मौजूदगी में पहले दीपोत्सव पर इस बार योगी सरकार ने अनूठी पहल की. पहली बार 1,121 वेदाचार्यों ने एक साथ सरयू मैया की आरती की. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार शाम अविरल सरयू तीरे बने घाट पर मैया की आरती की। 1121 वेदाचार्य एक ही रंग के परिधान में एक स्वर में सरयू मैया की आरती करते रहे.
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