China Covid Ban: भारतीय छात्रों (Indian Student) के चीन (China) जाकर शिक्षा पूरी करने को लेकर चीन ने करीब एक महीने पहले दरवाजे खोले दिए थे. चीन प्रशासन (China Administration) ने भारतीय छात्रों को वापस अपने देश बुलाने के लिए जरूरी तैयारी कर ली है. भारतीय छात्रों को चीन वापस बुलाने के लिए भारतीय दूतावास (Indian Embassy) ने छात्रों की सूची तैयार की है जिसे चीन प्रशासन को सौंपा जाएगा.
इस सूची में अपनी जानकारी डालने के लिए छात्र ऊपर दिए गए लिंक पर फॉर्म भर सकते हैं जिसे जमा करने की 8 मई आखिरी तारीख है. भारतीय दूतावास द्वारा दी गई सूची को चीन प्रशासन द्वारा वेरिफाई किया जाएगा जिसके बाद उन्हें चीन में पढ़ाई करने का मौका दिया जाएगा. इस दौरान कोरोनावायरस से संबंधित जरूरी सावधानियों का पालन करना अनिवार्य होगा साथ ही Covid संबंधित खर्च की जिम्मेदारी छात्र की होगी.
22 अप्रैल को चीन ने पहले श्रीलंकाई छात्रों को आमंत्रित किया था
इसके पहले 22 अप्रैल को ड्रैगन ने भारतीय छात्रों के दोयम दर्जे का रवैया अपनाते हुए बीजिंग में लगे सख्त कोविड बैन के बीच श्रीलंकाई छात्रों को बीजिंग में जाकर पढ़ाई करने की अनुमति दे दी थी लेकिन भारतीय छात्रों की वापसी पर चुप्पी साध रखी थी.दरअसल 2019 के बाद चीन से भारतीय छात्र कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के चलते वापस आ गए थे और अब करीब डेढ़ साल के बाद चीन ने पढ़ाई पूरी करने के लिए भारतीय छात्रों को आमंत्रित किया है.
बीजिंग में लगा था 2 साल से सख्त कोविड प्रतिबंध
आपको बता दें कि चीन के बीजिंग में कोरोना संक्रमण के बाद से ही 2 साल से ज्यादा समय से सख्त कोविड वीजा प्रतिबंध लगा दिया गया था. अब चीन ने श्रीलंका के छात्रों को पढ़ाई के लिए वापसी की अनुमति दे दी है जबकि भारतीय छात्रों की वापसी पर चीन की चुप्पी नहीं टूटी है. बता दें कि चीन में 23000 से भी ज्यादा भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं. इससे पहले साल 2019 में चीन के वुहान से कोरोना संक्रमण की महामारी निकलकर पूरे विश्व में फैल गई है.
भारत ने डाला था छात्रों की वापसी का दबाव
श्रीलंकाई दूतावास ने आगे बताया कि चीन श्रीलंका के बचे हुए छात्रों को अपने यहां वापस बुला रहा है हालांकि चीन ने छात्रों की संख्या के विषय में अभी तक कोई जानकारी नहीं दी है. हालांकि बीजिंग की कठोर जीरो टॉलरेंस वीजा पॉलिसी के चलते ये एक विवादस्पद मुद्दा बन गया है. एक तरफ चीन श्रीलंकाई छात्रों की वापसी पर बात करता है वहीं दूसरी तरफ दुनिया के हजारों छात्रों को बीजिंग अपनी कठोरवीजा नीति के चलते वहां आने की अनुमति नहीं दे रहा है. वहीं भारत चीन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे 23000 से भी ज्यादा छात्रों की वापसी की अनुमति के लिए चीन पर दबाव बनाया जिसके बाद चीन ने भारतीय छात्रों को भी पढ़ाई पूरी करने के लिए वापस बुलाया.