नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती आज बीजेपी बड़ा सियासी हमाला बोला है. मायावती ने राम मंदिर के मुद्दे पर कहा कि अपनी नाकामियों से ध्यान हटाने के लिए बीजेपी ने इस मुद्दे को उठाया है. अगर बीजेपी की मंशा सही होती तो 5 साल तक यूं इंतजार नहीं करना पड़ता. अब यह उनके राजनीतिक दांवपेंच के अलावा कुछ नहीं है. शिवसेना और विश्व हिंदू परिषद जो कर रहे हैं वह बीजेपी के षड्यंत्र का हिस्सा है. साथ ही उन्होंने भीम सेना जैसे दलित संगठनों को व्यावसायिक संगठन बताया है. उन्होंने कहा, "ये लोगों की भावनाओं के साथ खेल रहे हैं और इसका उपयोग करके धन इकट्ठा कर रहे हैं."
राम मंदिर के मुद्दे पर बीजेपी को घेरते हुए मायावती ने कहा, "अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए बीजेपी ने राम मंदिर का मुद्दे उठाया है. अगर इनके इरादे अच्छे थे तो इन्हें पांच साल तक इंतजार नहीं करना चाहिए था. यह उनकी राजनीतिक रणनीति है और कुछ और नहीं. शिवसेना और विश्व हिंदू परिषद जो कर रहे हैं वह बीजेपी के षड्यंत्र का हिस्सा है.
मायावती ने भीम सेना जैसे दलित संगठनों पर सियासी हमला बोलते हुए कहा, "बीएसपी को पता चला है कि 2019 में बहन जी को पीएम बनाने के लिए मुहिम चलाने वाली भीम सेना और बहुजन युवा जैसे संगठन असल में पर्दे के पीछे विपक्ष के हाथों में खेल रहे हैं. ये बीएसपी विरोधी संगठन हैं और इन्हें चलाने वाले लोग दलित कॉलोनियों में जाकर हमारी पार्टी के निर्दोष कार्यकर्ता को बता रहे हैं कि वो बहन जी को प्रधानमंत्री मंत्री बनायेंगे.
मायावती ने इन संगठनों पर लोगों को बरगला कर धन उगाही का आरोप लगाते हुए कहा, "इन संगठनों को चलाने वाले लोग इसका इस्तेमाल अपने व्यवसाय चलाने और लोगों से धन इकट्ठा करने के लिए कह रहे हैं. इतना ही नहीं, वे लोगों को यह भी बताते हैं कि उनके संगठन सिर्फ बीएसपी और बहन जी को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं. वे लोगों की भावनाओं के साथ खेल रहे हैं और इसका उपयोग करके धन इकट्ठा कर रहे हैं.
बीएसपी सुप्रीमों ने इन संगठनों पर समाज में घृणा फैलाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "ये संगठन न केवल अपने और विपक्ष की जरूरतों को पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं, बल्कि हमारे निर्दोष लोगों को ऊपरी जाति के लोगों के खिलाफ भड़का कर घृणा फैला रहे हैं.
आपको बता दें कि राम मंदिर का मुद्दा एक बार फिर से गरमा गया है. आज शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आयोध्या के लिए कूच किया है. वहीं आरएसएस ने भी मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या में रैली करने की बात कही है. कुछ वक्त पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत भी मोदी सरकार से मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की मांग कर चुके हैं.
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