नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है, लेकिन भूमिपूजन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को न बुलाने के मुद्दे पर राजनीति जारी है. आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने भूमिपूजन में राष्ट्रपति को न बुलाना दलितों का अपमान बताया है. उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल पूछा है कि भूमिपूजन में राष्ट्रपति को क्यों नहीं बुलाया गया, क्योंकि वह दलित समुदाय से हैं? संजय सिंह ने कहा, बीजेपी वोट बैंक के लिए एक दलित को देश का राष्ट्रपति बना सकती है, लेकिन अपनी मानसिकता की वजह से दलित के साथ भूमिपूजन नहीं कर सकती है.


संजय सिंह ने कहा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बुलाए गए, देश के प्रधानमंत्री बुलाए गए, यूपी के राज्यपाल बुलाए जाते हैं, राज्यपाल से बड़ा पद देश के राष्ट्रपति का है तो राष्ट्रपति क्यों नहीं बुलाए गए. इसलिए क्योंकि वह दलित समुदाय से हैं. क्योंकि बीजेपी एक दलित के साथ बैठकर भूमिपूजन नहीं कर सकती है.


इसके अलावा संजय सिंह ने यूपी के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या को भी न बुलाने पर सवाल उठाया है. हालांकि केशव प्रसाद मौर्या भूमिपूजन में मौजूद थे. तो इसपर संजय सिंह ने कहा, 'यूपी के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी के साथ क्यों नहीं थे. पंडाल में तो बहुत लोग मौजूद थे. लेकिन उनकी योगी या मोदी के साथ कोई तस्वीर क्यों नहीं है.'


मायावती ने भी उठाया राष्ट्रपति का मुद्दा
बहुजन समाजवादी पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख मायावती ने भी भूमिपूजन में राष्ट्रपति को न बुलाने पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा, "पांच अगस्त को जब प्रधानमंत्री ने राम मंदिर का शिलान्यास किया तो अच्छा होता अगर वो उस समय दलित समाज से जुड़े अपने राष्ट्रपति हैं उनको भी साथ में ले जाते. कुछ दलित संत भी चिल्लाते रहे कि हमें नहीं बुलाया गया. उनको नहीं बुलाया पर राष्ट्रपति को बुला लेते तो अच्छा संदेश जाता."


ये भी पढ़ें-