लखनऊः आठ महीने में मायावती ने तीसरी बार लोकसभा में अपना नेता बदल दिया. अब रितेश पांडे लोकसभा में बीएसपी के संसदीय दल के नेता होंगे. वे अंबेडकर नगर से सांसद हैं. अब तक ये ज़िम्मेदारी दानिश अली देख रहे थे. अमरोहा के लोकसभा सांसद दानिश के कुछ बयानों को लेकर मायावती उनसे नाराज़ हो गईं. आख़िरकार उन्हें अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी.


दानिश से पहले श्याम सिंह यादव लोकसभा में संसदीय दल के नेता थे. लेकिन कुछ ही महीनों बाद वे भी मायावती की गुडबुक से बाहर हो गए. मुस्लिम वोटरों को साधने के लिए बीएसपी अध्यक्ष ने दानिश को ये काम दे दिया. वे पार्टी के सीनियर लीडर सतीश चंद्र मिश्र के करीबी माने जाते हैं.


ट्वीट कर दी जानकारी


बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर ताज़ा फ़ैसले की जानकारी दी है. उन्होंने दानिश अली को हटा कर रितेश पांडे को लोकसभा में नेता बनाए जाने की वजह भी बताई है. मायावती ने कहा कि पार्टी के यूपी अध्यक्ष और लोकसभा में नेता एक ही बिरादरी के हो गए थे. इसीलिए ये फ़ैसला करना पड़ा.





अभी मुनकाद अली बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं. मायावती का कहना है सामाजिक समीकरण ठीक करने के लिए ऐसा किया गया. लेकिन पार्टी के एक पूर्व सांसद बताते हैं कि ये सब तो बहाना है.


रितेश पांडे पहली बार बने हैं सांसद


38 साल के रितेश पांडे पहली बार सांसद बने हैं. इस से पहले वे विधायक थे. 2017 में वे अंबेडकरनगर के जलालपुर से एमएलए का चुनाव जीते थे. उनकी छवि एक सुलझे नेता की है.


रितेश के पिता राकेश पांडे भी अंबेडकरनगर से लोकसभा सांसद रह चुके हैं. वे अपने इलाक़े के बाहुबली नेता माने जाते थे. लेकिन रितेश ने अपने पिता से अलग अपनी छवि बनाई है. लोकसभा में नेता बनने से पहले उन्हें उप नेता की ज़िम्मेदारी दी गई थी. लोकसभा में बीएसपी के दस सांसद हैं. ये सभी यूपी से हैं.


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