नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश चुनाव में करारी हार के बाद विरोधी पार्टियों में खलबली मची हुई है. कल बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाकर पार्टी में नंबर दो की हैसियत रखने वाले नसीमुद्दीन सिद्दीकी और उनके बेटे को निकाल दिया था. आज नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने मायावती पर पलटवार करते हुए कई गंभीर आरोप लगाए. सिद्दीकी पार्टी में महासचिव के पद पर थे औऱ उन्हें मध्य प्रदेश का प्रभार भी दिया गया था.


मुझ पर अनर्गल आरोप लगाए गए
नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा, ''मेरे ऊपर जो भी कार्रवाई हुई, झूठ और फरेब का सहारा लेकर की गई. मुझ पर अनर्गल आरोप लगाए गए. चुनाव के बाद मायावती जी ने मुझे बुलाया, मेरे साथ मेरा बेटा भी था. मुझे दिल्ली बुलाया गया. मुझसे कहा गया कि जो मैं जानना हूं मुझे सच सच बताया जाए. मुझसे पूछा गया कि मुसलमानों ने बीएसपी को वोट क्यों नहीं दिया? मैंने कहा कि ऐसा नहीं है कि मुसलमान ने वोट नहीं दिया. मैंने कहा कि जब कांग्रेस-सपा का गठबंधन नहीं हुआ था तब मुसलमान हमारे साथ था. लेकिन गठबंधन के बाद मसलमान भ्रमित हो गया और बंट गया."


मायावती ने मुसलमानों को कुत्ता कहा
नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा, ''इसके बाद उन्होंने कहा कि मैं इस बात से सहमत नहीं हूं. इसके बाद उन्होंने कहा कि हमने 1993 में सपा से गठबंधन किया तब, 1996 में कांग्रेस से गठबंधन किया तब भी मुसलमान का वोट नहीं किया. इसके बाद उल्टा सीधा बोलना शुरू कर दिया. उन्होंने अनाप-शनाप बोलते हुए कहा कि मुसलमान गद्दार हैं. दाढ़ी वाले मुसलमान बोलते हुए कहा कि ये कुत्ते मेरे पास आते थे."


मायावती ने सभी जातियों को बुरा-भला कहा
नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा, ''मैंने कहा कि बहन जी ये मेरे धर्म का मामला है आप ऐसी भाषा ना बोलें. मैंने कहा कि मैंने आपसो किसी मौलाना को नहीं मिलाया. उन्होंने कहा कि सतीश चंद्र मिश्रा ने मोलानाओं से मिलवाया. इसके बाद उन्होंने कहा कि अपर कास्ट ने भी हमें वोट नहीं दिया. इसके बाद मैंने कहा कि बहन जी हम तो कोशिश कर सकते हैं वोट देना तो वोटर के साथ के हाथ में है. इसके बाद उन्होंने सभी जातियों को टारगेट करते हुए कहा कि किसी ने हमें वोट नहीं दिया.''


मायावती ने कांशीराम जी को नीचा दिखाने की कोशिश की
नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा, ''19 अप्रैल को उन्होंने मान्यवर कांशीराम जी को नीचा दिखाने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि 2002 में मान्यवर कांशीराम जी यूपी का सारा पैसा लेकर पंजाब चले गए. उन्होंने कहा कि मैं पंजाब में सरकार बनाऊंगा और मुझसे कहा कि तुम यूपी संभालों. यूपी में मैंने सरकार बनायी लेकिन कांशीराम जी खाता भी नहीं खोल पाए. इसके बाद मैंने बहन जी से कहा कि कार्यकर्ता को यह खराब लगा कि आपने खुद को कांशीराम जी से ऊपर दिखाया.''


अगर रैली में प्रत्याशियों के नाम भी लेंती तो जीत जाते
नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा, ''इसके बाद भी उन्होंने कहा कि बताओ क्या कमी रह गयी मुझे खराब लग रहा है लेकिन तुम बताओ. मैंने कहा कि आप घोषणापत्र जारी नहीं करती. आप कार्यकर्ताओं से नहीं मिलतीं. जब सारे नेता रैली कर रहे थे आपने छुट्टी ले ली. आपने रैलियों में प्रत्यशियों के नाम तक नहीं लिए. अगर आप नाम ले लेतीं तब भी जीत सकते थे. आपने पार्टी के लिए वोट तक नहीं मांगा.''


हमारी तलाशी होती थी सतीश चंद्र मिश्रा की नहीं
नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा, ''मैंने कहा कि आपकी सुरक्षा की हमें चिंता है, जो भी आपसे मिलने आता है उसकी तलाशी होती है. घड़ी पैन तक रखा लिए जाते हैं. मैंने कहा कि तलाशी हो लेकिन सबकी हो. सतीश चंद्र मिश्रा और उनके दामाद की तलाशी तो दूर उनकी गाड़ी आती थी तो सीधे वहां रुकती थी जहां आपकी गाड़ी कड़ी होती है. ये बात भी बहन जी को बहुत खराब लगी.''


मायावती ने मुझसे पचास करोड़ रुपये मांगे गए
नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा, ''मुझे एक दिन बहन जी ने मुझे बुलाया कहा कि पार्टी को पैसे की जरूरत है. 50 करोड़ रुपये पार्टी को दो. मैंने कहा कि बहन जी इतना पैसा मैं कहां से लाऊंगा. बहन जी ने कहा कि अपनी प्रॉपर्टी बेंच दो. मैंने कहा कि अगर मैं अपनी प्रॉपर्टी बेंच भी दूंगा तब भी इसका चौथाई पैसा भा नहीं आएगा. नोटबंदी का दौरा था मैंने कहा कि अगर मैं प्रॉप्रटी बेंचूगा तब भी पैसा कैश में नहीं आएगा. बहन जी ने कहा कि कहीं से भी लाओ, मैंने अपने रिश्तेदारों से दोस्तों से पैसे मांगे.''


पार्टी के लिए मैंने अपनी बेटी की कुर्बानी तक दी
नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा, ''1996 में मायावती बदायूं के बिल्सी विधानसभा सीट चुनाव लड़ रहीं थी आपने मुझे एजेंट और चुनाव प्रभारी बनाया. मेरे उस वक्त दो बच्चे थे. एक बेटी और बेटा. मेरी बेटी की तबीयत खराब थी. मैंने पत्नी को पीसीओ से फोन किया तो पत्नी ने कहा कि बच्ची की तबीयत खराब है आ जाओ लगता है बचेगी नहीं. मैंने बहन जी को बताया तो बहन जी ने कहा कि चुनाव जरूरी है. मैं नहीं गया इसके बाद अगले दिन मुझे फोन आया कि मेरी बेटी मर गयी. मेरी पत्नी ने कहा अब तो आ जाओ. मैंने बहन जी को बताया कि तो उन्होंने कहा कि जो होना था हो गया अगर चले गए तो मैं चुनाव हार जाऊंगी. आज बहन जी मेरी इतनी बड़ी कुर्बानी भूल गयीं.''


सतीश चंद्र मिश्रा एंड पार्टी बीएसपी को बर्बाद कर देंगे
नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा, ''चुनाव के बाद ही मुझे लगने लगा था कि मुझे पार्टी से निकाला जाएगा. मैंने इसीलिए पार्टी छोड़ी नहीं चाहे मुझे निकाल दिया जाए. पार्टी बर्बाद करने के पीछे सतीश चंद्र मिश्रा एंड पार्टी है. ये लोग पार्टी बर्बाद करना चाहते हैं क्योंकि कोई दलित मंत्री पद ना पहुंच पाए.''


मुझे मध्यप्रदेश का चार्ज दिया लेकिन जाने नहीं दिया 
नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा, ''मुझ पर पार्टी विरोधी गतिविधियों का इल्जाम लगाए लेकिन बताएं तो कि ये पार्टी विरोधी गतिविधियां हैं क्या? मेरे ऊपर आरोप लगा कि मध्यप्रदेश का चार्च मिलने के बाद मैं वहां नहीं गया, बल्कि नोएडा दिल्ली में रहकर पार्टी विरोधी गतिविधियां कीं. मुझे मायावती जी ने जाने से मना किया था."


मायावती के पास अपराधियों का गिरोह, मुझ पर हमला हो सकता है
नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा, ''मायावती के आस पास कई तरह के लोगों का गिरोह है. इसके पास अपराधियों का भी गिरोह है. ये मेरे ऊपर, मेरे परिवार के ऊपर मेरे सहयोगियों के ऊपर हमला करवा सकतीं हैं, मेरा घर जलवा सकतीं है. मैंने सेना में काम किया है, मैंने सेना का नमक खाया है. मैं इन लोगों से डरने वाला नहीं हूं. सतीश चंद्र मिश्रा एंड कंपनी ने मायावती जी को अपने चंगुल में फंसा लिया है. सतीश चंद्र मिश्रा एंड कंपनी ने बीएसपी को तबाही की कगार पर पहुंचा दिया.''


मायावती के साथ बातचीत के रिकॉर्डिंग भी जारी की
नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने मायावती के साथ बातचीत के कुछ टेप भी जारी किए. इन टेप के साथ नसीमद्दीन सिद्दीकी ने दावा किया कि मायावती ने उनसे पैसे मांगे.