Mayawati On UP Elections: यूपी विधानसभा चुनाव जीतने के लिए एक्शन में मायावती- सुरक्षित सीटों पर ब्राह्मणों को जोड़ने के लिए सतीश मिश्र को दी गई ये जिम्मेदारी
Mayawati On UP Elections: यूपी विधानसभा चुनाव जीतने के लिए मायावती एक्शन में आ गई है. मायावती ने कहा कि सुरक्षित सीटों पर ब्राह्मणों को जोड़ने के लिए सतीश मिश्र को जिम्मेदारी दी गई है.
Mayawati On UP Elections: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए सभी दलों ने कमर कस ली है. इसी क्रम में बहुजन समाज पार्टी (BSP) की मुखिया मयावती (Mayawati) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी पार्टी की रणनीतियों के बारे में जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने ब्रह्मण वोटरो को अपने पक्ष में करने के लिए भी रणनीति के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि आज पार्टी के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई गई है. एसपी सुप्रीमो मायावती ने बताया कि यूपी की सभी 86 सुरक्षित सीटों को जीतने के लिए योजना तैयार की जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य में बीएसपी कैसे ज्याद से ज्यादा सीटें जीतकर सत्ता की कुर्सी तक पहुंचे इसके लिए भी इस बैठक में चर्चा होगी. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने कहा कि पार्टी के पदाधिकारियों में जोश भरने और सभी सीटों के कार्यों की प्रगति रिपोर्ट के लिए यह बैठक बुलाई गई है.
ब्राह्मण वोटरों को लेकर मायावती का एलान
बैठक से पहले मायावती ने कहा कि यूपी विधानसभा चुनाव में सुरक्षित सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए हमारी पार्टी ने सतीश मिश्र को बड़ी जिम्मेदारी दी है. उन्होंने बताया कि सुरक्षित सीटों पर सतीश मिश्रा को यह जिम्मेदारी दी गई है कि कैसे ज्यादा से ज्याद ब्राह्मण वोटरों को जोड़ा जाए. उन्होंने बताया कि इस बैठक में सतीश मिश्रा के साथ इस मुद्दे को लेकर भी चर्चा होगी.
यूपी विधानसभा चुनाव में जीत का दावा करते हुए मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी के कार्यकर्ता पूरे जोश में हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी के अंदर चुनाव की तैयारियां जोरो पर है. घोषणा पत्र को लेकर उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी कोई भी घोषणा पत्र जारी नहीं करेगी. मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी कहने में नहीं काम करके दिखाने में विश्वास रखती है.
किसानों के मुद्दे पर बोला हमला
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मायावती ने किसानों के मुद्दों को भी उठाया. उन्होंने कहा, ''केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानून तो वापस ले लिए हैं लेकिन सरकार को किसान संगठनों के साथ बैठकर उनकी समस्याओं का समाधान करना चाहिए जिससे कि किसान खुशी-खुशी अपने घर वापस जाकर अपने काम में लग जाएं. केंद्र सरकार को इस मामले को ज़्यादा नहीं लटकाना चाहिए.''