Mayawati On BR Ambedkar: बहुजन समाज पार्टी (BSP) अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati) ने बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर मंगलवार को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर देश की सरकारें संविधान के पवित्र उसूलों के तहत काम करतीं तो करोड़ों गरीबों को कई मुसीबतों से मुक्ति मिल गई होती.
उन्होंने ट्वीट कर कहा, "देश को पूर्ण जनहितैषी, कल्याणकारी एवं समतामूलक संविधान देकर धन्य करने वाले परमपूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर को उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर शत-शत नमन. उन्होंने हर मामले में बेहतरीन संविधान देकर भारत का नाम देश-दुनिया में जो रौशन किया है वह अनमोल है. देश उनका सदा आभारी है."
मायावती ने और क्या कहा?
पूर्व मुख्यमंत्री ने एक अन्य ट्वीट किया, "देश की सरकारें काश उस संविधान के पवित्र उसूलों के तहत कार्य करतीं तो यहां करोड़ों गरीब एवं मेहनतकशों को कई मुसीबतों से कुछ मुक्ति मिल गई होती. संविधान के आदर्श को जमीनी हकीकत में बदलकर लोगों के अच्छे दिन लाने की जिम्मेदारी में विमुखता एवं विफलता दुखद, चिंतनीय है."
'रोजी-रोती, न्याय और समृद्धि'
उन्होंने आगे कहा, "बाबा साहेब डॉ. आंबेडकर का नाम आते ही संवैधानिक हक के तहत लोगों के हित, कल्याण, उनके जान-माल-मजहब की सुरक्षा और आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के साथ जीने की गारंटी की याद आती है. रोजी-रोटी, न्याय, सुख-शांति व समृद्धि से वंचित लोगों की चिंता करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धाजलि है."
'उनके संघर्षों ने लाखों लोगों को उम्मीद दी'
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मंगलवार को महापरिनिर्वाण दिवस पर संविधान निर्माता एवं भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने एक ट्वीट किया, "महापरिनिर्वाण दिवस पर मैं डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और हमारे राष्ट्र के लिए उनकी अनुकरणीय सेवा को याद करता हूं. उनके संघर्षों ने लाखों लोगों को उम्मीद दी. भारत को इतना व्यापक संविधान देने के उनके प्रयासों को कभी भुलाया नहीं जा सकता."
राहुल गांधी ने भी दी श्रद्धांजलि
वहीं कांग्रेस नेताओं ने भी बाबा साहेब को श्रद्धांजलि अर्पित की. राहुल गांधी ने ट्वीट किया, "हम सब, सबसे पहले और अंत में, समान हैं. हम सब, सबसे पहले और अंत में, भारतीय हैं. इसके अलावा कुछ भी बाबा साहेब के लिए अस्वीकार्य था और उनके संवैधानिक मार्ग पर चलने वाले हम लोगों के लिए अस्वीकार्य है. उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि."
6 दिसंबर, 1956 को हुआ था अंबेडकर का निधन
गौरतलब है कि आंबेडकर की पुण्यतिथि हर वर्ष छह दिसंबर को मनाई जाती है. इसे महापरिनिर्वाण दिवस के तौर पर मनाया जाता है. बाबा साहेब अंबेडकर का निधन छह दिसंबर, 1956 को नई दिल्ली में हुआ था. भीमराव अंबेडकर को एक कानून के विशेषज्ञ, अर्थशास्त्र के ज्ञाता, संविधान निर्माता के अलावा उन्हें दलितों का उद्धार करने वाला मसीहा माना जाता है.
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