नई दिल्ली: प्रवासी मजदूरों के साथ राहुल गांधी के वीडियो पर बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने बड़ा हमला किया है. मायवती ने कहा है कि आज श्रमिकों की जो स्थिति है वो कांग्रेस की वजह से है, क्योंकि आजादी के बाद लंबे वक्त तक कांग्रेस के शासनकाल में रोजी रोटी की सही व्यवस्था नहीं की गई. राहुल गांधी के वीडियो पर मायावती ने कहा है कि ये हमदर्दी कम और नाटक ज्यादा लगता है. बीजेपी पर भी हमला करते हुए उन्होंने कहा है कि वो कांग्रेस के पदचिन्हों पर चल रही है.


मायावती ने ट्वीट कर कहा, ''आज पूरे देश में कोरोना लॉकडाउन के कारण करोड़ों प्रवासी श्रमिकों की जो दुर्दशा दिख रही है उसकी असली कसूरवार कांग्रेस है क्योंकि आजादी के बाद इनके लम्बे शासनकाल के दौरान अगर रोजी-रोटी की सही व्यवस्था गांव/शहरों में की होती तो इन्हें दूसरे राज्यों में क्यों पलायन करना पड़ता?''






बीएसपी सुप्रीमो ने कहा, ''वैसे ही वर्तमान में कांग्रेसी नेता द्वारा लॉकडाउन त्रासदी के शिकार कुछ श्रमिकों के दुःख-दर्द बांटने सम्बंधी जो वीडियो दिखाया जा रहा है वह हमदर्दी वाला कम व नाटक ज्यादा लगता है. कांग्रेस अगर यह बताती कि उसने उनसे मिलते समय कितने लोगों की वास्तविक मदद की है तो यह बेहतर होता.''






मायावती ने आगे कहा, ''साथ ही, बीजेपी की केन्द्र व राज्य सरकारें कांग्रेस के पदचिन्हों पर ना चलकर, इन बेहाल घर वापसी कर रहे मजदूरों को उनके गांवों/शहरों में ही रोजी-रोटी की सही व्यवस्था करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की नीति पर यदि अमल करती हैं तो फिर आगे ऐसी दुर्दशा इन्हें शायद कभी नहीं झेलनी पड़ेगी.''






बीजेपी ने भी साधा निशाना


राहुल गांधी की मजदूरों के साथ डॉक्यूमेंट्री पर बीजेपी ने भी पलटवार किया है. केंद्रीय अस्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि राहुल गांधी सॉल्यूशन नहीं पॉल्यूशन कर रहे हैं. बीजेपी नेता नलिन कोहली ने राहुल के मजदूरों से मिलने को दिखावे की राजनीति बताया है.


बता दें कि कोरोना काल में सबसे ज्यादा संकट में मजदूर हैं. लॉकडाउन के बाद उनका काम छिन गया, और उनके लिए रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया. मजबूरी में मजदूर अपने घर की ओर चल पड़े. मजदूरों के इस दर्द को लेकर राजनीति गर्म है, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वीडियो जारी कर मजदूरों का दर्द दिखाया है. राहुल गांधी ने सरकार से इनकी मदद की अपील की है और तुरंत 13 करोड़ लोगों को पचहतर सौ रुपये देने की मांग की है.


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