नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी से सचिन पायलट खेमे की बगावत के बाद राजस्थान में सियासी ड्रामा जारी है. हर दिन कांग्रेस-बीजेपी और पायलट खेमे के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. लेकिन इस बीच अब राजस्थान के रण में बीएसपी सुप्रीमो मायावती की एंट्री हो गई है. मायावती ने कहा है कि राजस्थान में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए.


बीएसपी प्रमुख मायावती ने कहा, ''राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहले दल-बदल कानून का खुला उल्लंघन व बीएसपी के साथ लगातार दूसरी बार दगाबाजी करके पार्टी के विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराया. अब जग-जाहिर तौर पर फोन टेप कराके इन्होंने एक और गैर-कानूनी व असंवैधानिक काम किया है.''


राज्यपाल को राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करनी चाहिए- मायावती


मायावती ने कहा कि ''राजस्थान में लगातार जारी राजनीतिक गतिरोध, आपसी उठा-पठक व सरकारी अस्थिरता के हालात का वहां के राज्यपाल को प्रभावी संज्ञान लेकर वहां राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करनी चाहिए, ताकि राज्य में लोकतंत्र की और ज्यादा दुर्दशा न हो.''


बीजेपी ने फोन टैपिंग की CBI जांच की मांग की


इससे पहले राजस्थान में कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े कथित ऑडियो टेप की बीजेपी ने सीबीआई जांच की मांग की है. साथ ही बीजेपी ने कांग्रेस पर कई सवाल भी उठाए हैं. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने पूछा, क्या आधिकारिक रूप से फोन टैपिंग की गई? क्या टैपिंग संवेदनशील और कानूनी विषय नहीं है? क्या कांग्रेस ने राजस्थान में अपनी सरकार बचाने के लिए गैर संवैधानिक तरीकों का इस्तेमाल किया? क्या फोन टैपिंग के स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) का पालन किया गया? क्या राजस्थान में कानून को ताक पर रखकर सरकार चलाई जा रही है? बीजेपी ने ये सवाल सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अशोक गहलोत से किए.


संबित पात्रा ने कहा, ''राजस्थान में कांग्रेस​ पार्टी का जो ड्रामा चल रहा है ये षड्यंत्र, झूठ-फरेब और किस तरह से कानून को ताक पर रख कर काम किया जाता है इन सबका मिश्रण है. हम इस मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हैं.''


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