मुंबई: कोरोना वैश्विक महामारी के चलते आज सबसे ज़्यादा प्रभावित कोई शहर है, तो वह मुंबई है. मुंबई कोरोना का कैपिटल बनता जा रहा है. ऐसे में आने वाला मानसून मुंबई के लिए सबसे बड़ी चुनौती साबित हो सकता है.


मुंबई पर कोरोना के बाद अब मानसून के बादल मंडरा रहे हैं. कुछ घंटों की बारिश से हर साल मुंबई की सड़कें नदी नालों में तब्दील हो जाती हैं. ऐसे में मुंबई मानसून को लेकर कितनी तैयार है, ये आने वाला वक़्त बताएगा.


हालांकि मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर के मुताबिक, "मुंबई 2020 के मानसून के लिए पूरी तरह तैयार है. यहां मानसून को लेकर मुंबई महानगर पालिका ने 75 फीसदी काम पूरा कर लिया है."


एबीपी न्यूज़ को दिए गए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में मेयर ने इस बात को माना है कि मुंबई पूरी तरह से मानसून से निपटने के लिए तैयार है. मेयर का कहना है कि मानसून हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है, लेकिन हमने नालों की सफाई का काम 80 प्रतिशत पूरा कर लिया है, जिसके लिए हमने एक एडवांस मशीन भी मंगाई है.


मेयर ने कहा, "लॉकडाउन के चलते नाला सफाई का काम करना ज़्यादा आसान रहा है. बड़े पैमाने पर हमने गड्ढे भरने का काम शुरू कर दिया है. मानसून को लेकर 75 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. अन्य देशों की तुलना में हमारा देश सबसे कम प्रभावित देश है. हमारे लिए आज युद्ध जैसी परिस्थिति है, लेकिन डेंगू और मलेरिया के फैलाव को रोकने के लिए हम काम कर रहे है. हिंदमाता, गांधी मार्केट में पानी का जमाव ना हो ये भी हमने सुनिश्चित किया है. लेकिन यह कुछ इलाके ऐसे हैं, जिनका भौगोलिक आकार ऐसा है, जहां कितना भी काम कर लो हालात बदले नहीं जा सकते हैं."


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