करोना मरीजों के कम आंकड़े दिखाए जाने के बीजेपी की तरफ से महाराष्ट्र सरकार पर लगाए गए आरोपों को लेकर मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर ने गुरुवार को पलटवार किया. उन्होंने कहा कि शहर में कोई नदी नहीं है जहां पर शव को बहाया जा सके. कुछ राज्यों में कोरोना के काम आंकड़े दिखाने खासकर बीजेपी शांसित उत्तर प्रदेश और बिहार में, जहां पर गंगा किनारे शवों को दफनाया गया और नदी में बहती लाशों के चलते पिछले महीने इस पर बड़ा विवाद हुआ था.  


समाचार एजेंसी एएनआई ने किशोरी पेडनेकर का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा- कोरोना से मौत का आंकड़ा नहीं छुपाया जा रहा है. उन्होंने कहा- “मुंबई में आंकड़े नहीं छिपाए जा रहे हैं. मुंबई में कोई नदी नहीं है जहां पर कोरोना से दम तोड़ने वालों को उसमें बहाया जा सके. कोरोना से हुई सभी मौतों का आंकड़ा तीन जगहों पर दर्ज किया गया. इसलिए इन्हें छिपाया नहीं जा सकता है.”


महाराष्ट्र की बीजेपी की तरफ से लगातार यह कहकर आलोचना की जाती रही कि कोरोना के पहली और दूसरी दोनों लहर के दौरान यहां पर कोरोना के सबसे ज्यादा मामले सामने आए. हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ज्यादा कोरोना टेस्ट ही कोरोना के ज्यादा आंकड़ों को बता सकता है और यही महामारी के दौरान वक्त की जरूरत है.


सिर्फ 15 हजार 947 नए एक्टिव केसों के साथ कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मुंबई में कोरोना को लेकर मैनेजमेंट काफी बेहतर रहा और संक्रमण से रिकवरी काफी तेजी के साथ हुई. पिछले महीने ऑक्सीन की किल्लत पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने भी तारीफ की थी. कोर्ट ने कहा था- “ग्रेटर मुंबई के म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने शानदार काम किया.”


गौरतलब है कि श्मशान और कब्रगाहों की तस्वीरों को देखने के बाद लगातार कोरोना की दूसरी लहर के दौरान आधिकारिक तौर पर जारी किए गए आंकड़ों को लेकर दुनियाभर में सवाल उठाए गए.


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