Indian Youth Stuck in Thailand and Myanmar: तेलंगाना (Telangana) के एक राजनीतिक दल मजलिस बचाओ तहरीक (MBT) ने थाईलैंड (Thailand) और म्यांमार (Myanmar) में फंसे सैकड़ों भारतीय युवाओं (Indian Youth) को बचाने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) को पत्र लिखा है. एमबीटी नेता अमजद उल्लाह खान (Amjed Ullah Khan) ने विदेश मंत्री को भेजे पत्र में मांग की है कि युवाओं को निकालने के लिए इन देशों में उच्च स्तरीय समितियां (High Power Committe) भेजी जाएं.


विदेश मंत्री डॉक्टर सुब्रमण्यम जयशंकर को भेजे अपने पत्र में अमजद उल्लाह खान ने थाइलैंड में फंसे फखरुद्दीन और मोहम्मद शाहजहां को बचाने के लिए अपील की है.


एमबीटी नेता ने क्या लिखा है पत्र में?


एमबीटी नेता अमजद उल्लाह खान ने पत्र में लिखा, ''मार्च 2022 से देश के विभिन्न हिस्सों से सैकड़ों युवाओं, जिनमें ज्यादातर तेलंगाना से हैं, को कुछ चीनी एजेंसियों ने आवास और अच्छी सैलरी का झांसा देकर आईटी सेक्टर की नौकरियां उपलब्ध कराने के नाम पर धोखा दिया. वे थाइलैंड और म्यांमार की सीमा से लगे एक अज्ञात जंगल में फंसे हैं. उन्हें थर्ड डिग्री तक यातना दी जा रही है और तीन से पांच लाख रुपये की फिरौती मिलने पर छोड़ा जा रहा है.''


खान ने सैकड़ों फंसे हुए भारतीय युवाओं को बचाने और मुद्दे पर पूर्ण विराम लगाने के मांग करते हुए सांसदों, गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के आईएस-आईपीएस अधिकारियों के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल को थाइलैंड और म्यांमार की सरकारों से बातचीत के लिए भेजने का आग्रह किया है.


ऐसे लिया जाता है युवाओं से काम


अमजद उल्लाह खान ने पत्र में लिखा, ''ऐसा ही एक मुद्दा हैदराबाद में बसने वाले बिहार के किशनगंज के दो युवाओं का है, जिन्हें तेलंगाना ने थाइलैंड में आईटी सेक्टर में नौकरी की पेशकश की, 9 सितंबर 2022 को हैदराबाद होते हुए वे बैंकॉक गए, उन्हें माए सॉट ले जाया गया और वहां से उन्हें थाईलैंड-म्यांमार की सीमा से लगे एक अज्ञात स्थान पर ले जाया गया.''


खान ने कहा कि भारतीय युवाओं को एक कंपनी के लिए काम करने और अन्य देशों के लोगों के साथ धोखाधड़ी करने के लिए कहा गया. उन्हें दुनियाभर के दिए गए नंबरों पर नग्न महिलाओं की तस्वीरें भेजने के लिए कहा गया. उन्हें एक बंद बाउंड्री में रखा जा रहा है जहां वे बाहर कहीं जाने में असमर्थ हैं और यहां तक कि फोन रखने की भी इजाजत नहीं है. उन्होंने कहा कि उन्हें थर्ड डिग्री तक यातना दी जा रही है और उनकी रिहाई के लिए फिरौती मांगी जा रही है.


भारत सरकार जारी कर चुकी है एडवाइजरी


बता दें कि पिछले दिनों थाईलैंड-म्यांमार में फंसे भारतीय युवाओं का मामला सामने आने पर भारत सरकार ने देश के युवाओं के लिए एक एडवाइजरी जा की गई थी, जिसमें विदेशों के लुभावने जॉब ऑफर्स के प्रति सतर्कता बरतने की सलाह दी गई थी. सरकार ने यह भी कहा था कि वह अपने युवाओं को बचाने के कदम उठा रही है.


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