Acid Use Ban: दिल्ली महिला आयोग के हस्तक्षेप के बाद दिल्ली नगर निगम ने हाल ही में एक आदेश जारी कर सार्वजनिक शौचालयों की सफाई के लिए तेजाब के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. महिला आयोग ने 6 अप्रैल को दरियागंज के जीबी पंत अस्पताल के गेट नंबर 8 के सामने दिल्ली नगर निगम के एक महिला शौचालय का निरीक्षण किया और इस दौरान वहां शौचालय के अंदर खुले में एसिड से भरा 50 लीटर का डिब्बा मिला.
पूछताछ करने पर, आयोग को सफाई कर्मचारी के साथ-साथ श्री राम ग्रामीण विकास संस्थान (जिसे एमसीडी शौचालय परिसर के रखरखाव और संचालन के लिए अनुबंध दिया गया है) के एक कर्मचारी की तरफ से सूचित किया गया कि वे शौचालयों को साफ करने के लिए हर महीने एसिड खरीदते हैं.
महिला आयोग को हुई हैरानी
महिला आयोग नगर निगम के शौचालय में इतनी बड़ी मात्रा में खुले में तेजाब पाकर हैरान रह गया. यह गैरकानूनी और बेहद खतरनाक है क्योंकि कोई भी इस तेज़ाब को आसानी से लेकर एसिड हमले के लिए इसका इस्तेमाल कर सकता था. महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस से तुरंत तेजाब को जब्त करवाया और दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों को शौचालयों में तेजाब की मौजूदगी के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए समन जारी किया.
सिटी जोन के वरिष्ठ अधिकारी आयोग के समक्ष उपस्थित हुए और एक लिखित उत्तर दिया, जिसमें कहा गया कि शौचालयों की सफाई के लिए एसिड के उपयोग को रोकने के लिए कोई दिशानिर्देश नहीं दिए गए हैं. उन्होंने यह भी बताया कि एमसीडी के समझौते में उन पर लगाए गए नियमों और शर्तों के अनुसार शौचालयों की सफाई (एजेंसी द्वारा) की जाती है. इसके अलावा, उन्होंने शौचालय के रख-रखाव और संचालन के लिए एमसीडी और एजेंसी (श्री राम ग्रामीण विकास संस्थान) के बीच अनुबंध समझौते की एक प्रति प्रदान की.
आयोग ने मामले को एमसीडी के साथ उठाया और दिल्ली नगर निगम आयुक्त को नोटिस जारी कर मामले में स्पष्टीकरण और कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी. एमसीडी के वरिष्ठ अधिकारी इस मामले में 16 मई को आयोग के सामने पेश हुए और उन्होंने बताया कि वर्तमान में 308 सामुदायिक शौचालयों/सार्वजनिक शौचालयों को निजी एजेंसियों को आउटसोर्स किया गया है, जिनका एमसीडी के साथ समान अनुबंध है, जिसमें कहा गया है कि साप्ताहिक रूप से शौचालयों की सफाई के लिए तेजाब का प्रयोग नहीं करने पर दिल्ली नगर निगम की एजेंसी पर प्रति दिन 1000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.
शौचालयों सफाई के लिए दिया गया बढ़ावा
पूछताछ करने पर पता चला कि अनुबंध दस्तावेज को उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सदन ने 2017 में मंजूरी दी थी, जिसमें साफ तौर पर शौचालयों की सफाई के लिए तेजाब के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया गया था. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने वर्तमान स्थिति पर नाराजगी व्यक्त की, जहां एमसीडी ने 308 सार्वजनिक शौचालयों को साफ करने के लिए अवैध रूप से तेजाब का उपयोग करने का निर्देश दिया गया था.
आयोग के निर्देश पर एमसीडी अधिकारियों ने 18.05.2023 को एक नया आदेश जारी किया. जिसमें कहा गया है कि अनुबंध के उक्त प्रावधान (जो तेजाब के उपयोग को प्रोत्साहित करता है) को निरस्त कर दिया गया है और यदि कोई व्यक्ति शौचालयों में तेजाब का उपयोग/भंडारण करता पाया जाता है , तो एजेंसी के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
स्वाति मालीवाल ने किया हस्तक्षेप
इस मामले में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि हमें एमसीडी के शौचालय में भारी मात्रा में तेजाब मिला. शुरुआत में हमें लगा कि यह एमसीडी की ओर से शौचालयों का संचालन करने वाली निजी एजेंसी का गैर कानूनी काम है. हालांकि, इस मामले में हमारी पूछताछ ने भानुमती का पिटारा खोल दिया. हमारी जांच से पता चला कि 2017 में, नॉर्थ एमसीडी के निर्वाचित प्रतिनिधियों ने 308 सार्वजनिक शौचालयों के संचालन के लिए निजी एजेंसियों के साथ अनुबंध को मंजूरी देते हुए एक प्रस्ताव पारित किया.
जिसमें उन्हें साप्ताहिक रूप से शौचालयों को साफ करने के लिए तेजाब का उपयोग करना अनिवार्य था, अन्यथा भारी जुर्माना देना होगा. इस पर स्वाति मालीवाल ने कहा कि एमसीडी जो खुद एक सरकारी संस्था है, एसिड के इस्तेमाल को बढ़ावा कैसे दे सकती है? यह चौंकाने वाला और अवैध है. स्वाति मालीवाल ने कहा कि दिल्ली महिला आयोग के हस्तक्षेप के बाद, MCD ने आखिरकार सुधारात्मक कदम उठाए हैं और इसके सार्वजनिक शौचालयों में एसिड का उपयोग प्रतिबंधित कर दिया गया है.
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