MCD ने जलभराव के लिए दिल्ली सरकार को ठहराया जिम्मेदार, कहा- हमारा बकाया पैसा दें केजरीवाल
उत्तरी दिल्ली के महापौर जय प्रकाश ने कहा कि केजरीवाल सरकार को मॉनसून के लिए पहले से तैयार रहना चाहिए था. उन्होंने राजधानी में जलभराव के लिए पूरी तरह से दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के तीनों नगर निगम के महापौरों ने दिल्ली में जलभराव की स्थिति के लिए शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार को जिम्मेदार ठहराया और निकाय संस्थाओं का “बकाया” धन जारी करने की मांग की. संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में उत्तरी दिल्ली के महापौर जय प्रकाश, दक्षिणी दिल्ली की महापौर अनामिका और पूर्वी दिल्ली के महापौर निर्मल जैन ने यह भी आरोप लगाया कि कोविड-19 महामारी से लड़ाई में केजरीवाल सरकार निकाय संस्थाओं का सहयोग नहीं कर रही है.
केजरीवाल सरकार साथ मिलकर काम करना नहीं चाहती है- महापौर जय प्रकाश
उत्तरी दिल्ली के महापौर जय प्रकाश ने कहा, “दिल्ली कोविड-19 से पीड़ित है और सरकार तभी जागती है जब केंद्रीय गृह मंत्री कार्रवाई करते हैं. अब लोगों को जलभराव की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है. हम कहते हैं कि आओ साथ मिलकर काम करें, लेकिन आम आदमी पार्टी सरकार यह नहीं चाहती.”
दिल्ली सरकार को मॉनसून के लिए पहले से तैयार रहना चाहिए था- जय प्रकाश
वहीं जय प्रकाश ने शहर के विभिन्न हिस्सों में जलभराव की समस्या के लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, “जलभराव की समस्या सुलझाने का जिम्मा पांच एजेंसियों पर है- लोक निर्माण विभाग, दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली राज्य औद्योगिक और अवसंरचना विकास निगम, बाढ़ विभाग और एमसीडी (निकाय). चार एजेंसियां दिल्ली सरकार के अधीन हैं. हमारा काम सिर्फ चार फुट तक गहरी नालियों को साफ करने का है. इसलिए सरकार को मॉनसून के लिए तैयार रहना चाहिए था. हर साल मिंटो ब्रिज के पास क्या होता है यह हमने देखा है.”
दिल्ली सरकार लोगों की सहायता करें- महापौर
इसके साथ ही दिल्ली के अन्य दो महापौरों ने भी इस मुद्दे को उठाया और निकाय संस्थाओं के लिए धन जारी करने की मांग की. प्रकाश ने कहा, “मैं कल किराड़ी जा रहा हूं. वहां भीषण जलभराव की स्थिति है. मैं मुख्यमंत्री और दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा को पत्र लिखूंगा कि वे क्षेत्र का दौरा कर लोगों की सहायता करें.”
उन्होंने आगे कहा कि महामारी के कारण हमारी आय का स्रोत खत्म हो गया है, इसलिए हम अपने स्वास्थ्य कर्मियों को वेतन नहीं दे पा रहे हैं. हम दिल्ली सरकार से आग्रह करते हैं कि एनडीएमसी का 1,108 करोड़ रुपये और अन्य दो निकायों की बकाया राशि जारी की जाए.
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