नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम चुनाव में टिकट कटने से नाराज बीजेपी के पार्षद पार्टी के बड़े नेताओं के दरवाजे खटखटा रहे हैं. पार्षद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक से मिलने की गुहार कर रहे हैं. नितिन गडकरी से मिलने पहुंची पार्षद संध्या वर्मा ने फफकते हुए कहा कि उन्होंने परिवार से ज्यादा अपने काम पर ध्यान दिया. एक बार वो अपनी बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने रखना चाहती हैं.


नेताओं ने दिया दिलासा, लेकिन क्या बीजेपी बदलेगी अपना फैसला?


कल सबसे पहले लगभग 100 पार्षदों ने नगर निगम मुख्यालय में बैठक की फिर एक एक करके सांसद महेश गिरी, प्रवेश वर्मा, केंद्रीय मंत्री विजय गोयल और दिल्ली बीजेपी के प्रभारी श्याम जाजू से मुलाकात की. बुधवार को तमाम पार्षदों ने नितिन गडकरी से और फिर प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी से गुहार लगाई. बड़े नेताओं ने पार्षदों को दिलासा तो दिया लेकिन बीजेपी अपने फैसले को बदलेगी ये मुश्किल लग रहा है.


एमसीडी में पिछले दस सालों से काबिज है बीजेपी


22 अप्रैल को होने वाले एमसीडी चुनाव में बीजेपी ने किसी भी मौजूदा पार्षद को टिकट ना देने का फैसला किया था. दिल्ली की तीनों नगर निगमों को मिला कर बीजेपी के 272 में से 153 पार्षद हैं. बीजेपी एमसीडी में पिछले दस सालों से काबिज है. माना जा रहा है कि जनता की नाराजगी के कारण पार्टी ने अपने पार्षदों पर सर्जिकल स्ट्राइ किया है.


कई बीजेपी पार्षद निर्दलीय लड़ सकते हैं!


फिलहाल पार्षद खुल कर बगावत तो नहीं कर रहे लेकिन उनकी गोलबंदी से साफ है कि बात नहीं बनी तो कई बीजेपी पार्षद निर्दलीय या फिर दूसरी पार्टियों से मैदान में उतर सकते हैं. यानि बीजेपी का यह फैसला उल्टा पड़ सकता है. हालांकि पार्षदों के टिकट काटने का सफल प्रयोग बीजेपी गुजरात में कर चुकी है.


कांग्रेस और आप का दावा- कई बीजेपी पार्षद हैं संपर्क में 


कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का दावा है कि कई बीजेपी पार्षद उनके संपर्क में हैं. 95 फीसदी टिकट बांट चुकी आप ने एक बीजेपी पार्षद को भी टिकट दिया है. वहीं दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता तेजेन्द्र पाल बग्घा ने कहा कि पार्षद अपनी तरफ से कोशिश कर रहे हैं, लेकिन पार्टी का आखिरी फैसला हर किसी को मानना होगा.


बहरहाल बीजेपी अगर अपना फैसला वापस लेती है तो पार्टी की किरकिरी होगी. अगर फैसला वापस नहीं हुआ तो एमसीडी चुनाव में बीजेपी को अपनों की चुनौती का सामना भी करना पड़ेगा.