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MCD चुनाव 2017: बीजेपी ने काटे पार्षदों के टिकट, लेकिन 'चहेतों' को चमकाया
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नई दिल्ली: दिल्ली एमसीडी चुनावों में बड़ा दांव खेलते हुए बीजेपी ने अपने सभी पार्षदों की टिकट काट दी और वादा किया कि इस बार पार्टी नए चेहरों को मैदान में उतारेगी. इस ऐलान के बाद सभी की निगाहें बीजेपी की लिस्ट पर टिकी थीं. बीजेपी ने प्रत्याशियों की तीन लिस्ट जारी की जिसमें से आखिरी लिस्ट नामांकन के अंतिम समय से कुछ घंटे पहले आई.
लेकिन इन लिस्ट में कई ऐसे नाम थे जो पार्टी नेतृत्व के तमाम दावों की पोल खोलती नज़र आए. दावा किया गया था कि भाई भतीजावाद नहीं चलेगा, किसी नेता के रिश्तेदारों और जिलाध्यक्षों को टिकट नहीं मिलेगा लेकिन बीजेपी की लिस्ट से साफ है कि कई बड़े नेता अपने रिश्तेदारों को या खुद को टिकट दिलाने में कामयाब रहे हैं. विधानसभा चुनाव में हारे हुए कई प्रत्याशियों को भी एमसीडी चुनाव में टिकट दे दी गई.
बीजेपी के लिस्ट में शामिल किए गए ये नाम;
1. सदर बाजार से जय प्रकाश (दिल्ली बीजेपी उपाध्यक्ष, 2013 में विधानसभा चुनाव हार चुके हैं)
2. मुबारकपुर डबास से पूनम पराशर झा (दिल्ली बीजेपी महिला मोर्चा अध्यक्ष और किराड़ी के पूर्व विधायक अनिल झा की पत्नी)
3. ब्रह्मपुरी से राजकुमार बल्लान (मयूर विहार जिला प्रभारी और पूर्व जिला अध्यक्ष)
4. ग्रेटर कैलाश-1 से शिखा राय (दिल्ली बीजेपी उपाध्यक्ष, कस्तूरबा नगर से विधानसभा चुनाव हार चुकी हैं)
5. द्वारका-B से कमलजीत सेहरावत (मटियाला से विधानसभा चुनाव हार चुकी हैं)
6. मालवीय नगर से नंदिनी शर्मा (मालवीय नगर से ही पिछला विधानसभा चुनाव लड़ चुकी हैं)
7. पीरागढ़ी से विनय रावत (बाहरी दिल्ली जिला बीजेपी के अध्यक्ष)
8. रोहिणी एफ से प्रीति अग्रवाल (प्रदेश सचिव)
पार्टी के लिए काम किया इसलिए मिला टिकट: प्रत्याशी
हालांकि इन प्रत्याशियों में से ज़्यादातर का कहना है की उन्होंने पार्टी के लिए जो काम किया है कि उसी को देखते हुए पार्टी ने उन पर विश्वास जताया है. मुबारकपुर डबास में चुनाव प्रचार पर निकली पूनम पराशर का कहना है कि वो पार्टी की लंबे समय से कार्यकर्ता रही हैं. उन्होंने और उनके पति अनिल झा ने इस इलाके के लिए बहुत काम किया है.
नामांकन भरने के समय जय प्रकाश के साथ थे विजय गोयल
वहीं शिखा राय और कमलजीत सहरावत का भी कहना है कि पार्टी ने विश्वास के साथ ये ज़िम्मेदारी सौंपी है. इसके अलावा दिल्ली बीजेपी के उपाध्यक्ष और दिल्ली बीजेपी के जाने-माने चेहरे जय प्रकाश, केंद्रीय मंत्री विजय गोयल के बेहद करीबी भी है. इसका पता इसी बात से चलता है कि जय प्रकाश जब नामांकन भरने गए तो विजय गोयल भी उनके साथ गए.
फैसले के बाद बीजेपी के कार्यकर्ताओं में नाराजगी
पार्टी के इस फैसले से कार्यकर्ताओं में नाराज़गी है. इसको लेकर बीजेपी कार्यालय में हंगामा भी किया गया. सवाल करना जायज़ है कि पांच साल से अपने इलाकों में काम कर रहे पार्षदों के बदले पार्टी आलाकमान ने आखिर हारे हुए चेहरों पर भरोसा क्यों जताया?
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