नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम चुनाव के परिणाम आज घोषित किए जाएंगे. इस बार MCD चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की साख दांव पर लगी है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में करारी हार झेलने वाली बीजेपी MCD चुनाव को अपने सम्मान से जोड़ कर देख रही है, तो वहीं लगातार 15 साल तक दिल्ली में शासन कर चुकी कांग्रेस इस बार दिल्ली में MCD चुनाव के जरिए अपनी स्थिति सुधारने के प्रयास में जुटी है. आपको यहां बता रहे हैं कि बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के लिए ये चुनाव अहम क्यों है.
बीजेपी के लिए क्यों अहम है ये चुनाव-
- 2019 के लिए दिल्ली की सात सीटों पर उम्मीद बधेगी
- बीजेपी को जीत मिली तो देश में मोदी लहर कायम रहने पर मुहर
- बीजेपी के लिए तीसरी बार सत्ता में आने की चुनौती है.
- बीजेपी ने MCD चुनाव जीतने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है, गृहमंत्री राजनाथ सिंह से लेकर स्मृति ईरानी तक कई केंद्रीय मंत्री बीजेपी के लिए वोट मांग चुके हैं.
अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के लिए चुनाव अहम क्यों?
- आप जीती तो साबित होगा कि दिल्ली पर पकड़ कायम है
- आप हारी तो पंजाब गोवा में हार के बाद चौथा झटका होगा
- हार पर पार्टी में बगावत हो सकती है
- दिल्ली सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं
- डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने प्रचार के आखिरी दिन गली-गली जाकर अपने प्रत्याशियों के वोट मांगा, भारी भीड़ के बीच सिसोदिया ने MCD पर कब्जे का दावा ठोंक दिया. आखिरी दिन आप के कई बड़े नेता गलियों की खाक छानते दिखे, जल मंत्री कपिल मिश्रा तो डीजे की धुन पर थिरकते नजर आए. प्रचार के बीच सीएम अरिविंद केजरीवाल ने दावा किया कि अगर उन्हें MCD की सत्ता मिली तो एक साल के अंदर दिल्ली को चमका देंगे.
कांग्रेस के लिए ये चुनाव अहम क्यों?
- कांग्रेस ने बेहतर प्रदर्शन किया तो वापसी की उम्मीद बधेगी
- 2014 और 2015 के चुनावों में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी
- कांग्रेस अगर एमसीडी में दूसरे नंबर पर भी रही तो बड़ी उपलब्धि होगी
- विद्रोह के बीच अजय माकन पर खुद को साबित करने की चुनौती है.
योगेंद्र यादव को भी है उम्मीद
नीतीश कुमार और योगेंद्र यादव की पार्टी पहली बार पूरे दम से लड़ रही है. केजरीवाल से अलग हुए योगेंद्र यादव भी अपने आप को MCD की रेस में मानते हैं.
एमसीडी में कितनी सीटें
बता दें कि दिल्ली के MCD की 272 सीटें हैं. दो सीटों पर प्रत्याशियों के निधन के कारण चुनाव स्थगित हो गया था. इस बार चुनाव में कुल 2537 उम्मीदवार ने अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इनमें सबसे ज्यादा 1004 उम्मीदवार उत्तरी दिल्ली नगर निगम, वही दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में 985 और उत्तरी दिल्ली नगर निगम में 548 उम्मीदवार हैं.
एमसीडी की 272 सीटों में से उत्तर और दक्षिण दिल्ली नगर निगम में 104-104 सीटें हैं जबकि पूर्वी दिल्ली नगर निगम में 64 सीटें हैं. एमसीडी का 2012 में बंटवारा करके एनडीएमसी, एसडीएमसी और ईडीएमसी का गठन किया गया था.
2012 में किसको मिली थीं कितनी सीटें
साल 2012 के चुनावों में मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच था. चुनावों में बीजेपी को भारी बहुमत मिला। 272 सीटों में से बीजेपी को 142 सीटें, कांग्रेस को 74, बसपा ने 15 सीटें और अन्य ने 41 सीटें जीती थी.