नई दिल्ली: एमसीडी चुनाव के बाद दिल्ली सरकार से बिजली और पानी विभाग छीन कर नगर निगम को देने के केजरीवाल के आरोप को विरोधी दलों ने चुनावी शिगूफा करार दिया है. कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी और बीजेपी नेता हरीश खुराना ने सवाल पूछा है कि केजरीवाल ने उस बीजेपी नेता का स्टिंग क्यों नहीं किया जिसने उन्हें यह बात बताई. बीजेपी ने कहा कि केजरीवाल के पास मुद्दों का आभाव इसलिए सनसनी फैला रहे हैं.


दरअसल आप के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को बुराड़ी की अपनी जनसभा में एक कथित बीजेपी नेता के हवाले से दावा किया था कि दिल्ली सरकार से बिजली और पानी का विभाग छीन कर नगर निगम को देने की साजिश चल रही है.


केजरीवाल के मुताबिक अगर बीजेपी या कांग्रेस नगर निगम में जीती तो बिजली और पानी के रेट बढ़ जाएंगे और सब्सिडी खत्म हो जाएगी. उन्होंने दावा किया कि ये बातें उन्हें बीजेपी के ही एक नेता ने गुप्त रूप से बताई.


केजरीवाल में कहा कि साल 1997 तक बिजली और पानी का विभाग नगर निगम के पास ही था, एक बार फिर से 1997 से पहले की तरह बिजली और पानी एमसीडी को सौंप दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर निगम में आम आदमी पार्टी जीती तो बिजली-पानी पर सब्सिडी जारी रहेगी भले ही ये दोनों विभाग एमसीडी को सौंप दिए जाएं. लेकिन अगर निगम में कांग्रेस बीजेपी रही तो सब्सिडी खत्म कर रेट बढ़ा दिए जाएंगे. केजरीवाल ने आरोप लगाया कि बिजली-पानी कम्पनियों के दबाव में केंद्र सरकार ये कदम उठाने जा रही है.


इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार में जल मंत्री कपिल मिश्रा ने एक वीडियो बना कर भी लोगों से एमसीडी में आप को वोट देने की अपील की है. कपिल मिश्रा ने भी केजरीवाल के आरोपों को दुहराते हुए कहा है कि उन्हें भी बीजेपी नेता से ऐसी बातें पता चली है. मिश्रा ने कहा कि जैसे दिल्ली सरकर से एसीबी  यानि एंटी करप्शन ब्रांच ले लिया गया वैसे ही बिजली और पानी के विभाग भी छीने जा सकते हैं.