नई दिल्ली: विधानसभा चुनाव में मिली बड़ी जीत के बाद बीजेपी के हौसले बुलंद हैं. अब बीजेपी अगले महीने दिल्ली में होने वाले एमसीडी चुनाव की तैयारी में जुट गई है. दिल्ली नगर निगम के चुनाव में इस बार बीजेपी गुजरात फॉर्मूला लागू करने जा रही है यानी पुराने पार्षदों के टिकट काट दिए जाएंगे.


विधानसभा चुनाव में बंपर जीत के बाद बीजेपी की नजर अब दिल्ली पर है. दिल्ली में अगले महीने एमसीडी के चुनाव होने हैं. कल पार्षदों की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें उन्हें बता दिया गया कि अधिकांश का टिकट कटना तय है.


पार्षदों को ये बताया गया है कि इस बार 272 में से 175 सीटों का परिसीमन और रोटेशन होना है. इसका मतलब ये है कि कुछ आरक्षित सीटें सामान्य वर्ग में आएंगी तो कुछ सामान्य वर्ग की सीटें आरक्षित हो जाएंगी. इन हालात में बीजेपी के सिर्फ 45 पार्षद ही ऐसे हैं जो दोबारा लड़ने की हालत में थे.


बैठक के बाद कुछ पार्षदों की आंख में आंसू थे जबकि कुछ पार्टी के आदेश को सिर माथे लगाने की बात कह रहे थे. सिर्फ पूर्व पार्षदों को ही नहीं बल्कि उनके परिवार और रिश्तेदारों को भी टिकट ना देने का फैसला किया गया है. ऐसा प्रयोग बीजेपी गुजरात में भी कर चुकी है जो कामयाब रहा था. आमतौर पर इस तरह का फैसला सत्ता विरोधी लहर को ठंडा करने के लिए किया जाता है.


एमसीडी पर दस साल से बीजेपी का कब्जा है. पिछली बार 2012 में एमसीडी के चुनाव हुए थे, उसके बाद दो बार विधानसभा चुनाव हुए लेकिन बीजेपी को जीत नहीं मिली यही वजह है कि अब बीजेपी नगर निगम के चुनाव में उम्मीदवार का चेहरा बदलना चाहती है.


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