नई दिल्ली : 23 अप्रैल को एमसीडी के चुनाव होने हैं और 26 अप्रैल को इसका रिजल्ट आना है. सभी पार्टियों में मतदाताओं को रिझाने के लिए होड़ मची हुई है. अभी तक एमसीडी के दंगल में कांग्रेस और बीजेपी ही आमने-सामने रही हैं लेकिन इस बार लड़ाई में केजरीवाल की आम आदमी पार्टी भी कूद चुकी है. कांग्रेस और बीजेपी ने तो घोषणाओं और वादों की पहली किस्त भी जारी कर दी है.


दोनों पार्टियां अपने-अपने कारणों से उत्साहित हैं


दोनों पार्टियां अपने-अपने कारणों से उत्साहित हैं. राजौरी गार्डेन के उपचुनाव में बीजेपी के सिर जीत का सेहरा बंधा है तो जनाधार के मोर्चे पर कमजोर समझी जा रही कांग्रेस को भी संजीवनी मिली है. ऐसे में दोनों बड़ी पार्टियां निचले तबके के लोगों को लक्ष्य बनाकर संकल्प जाहिर कर रही हैं. दोनों दलों के संकल्प पत्र को देखा जाए तो एक बार जाहिर है कि दोनों का 'निशाना' एक ही जगह पर है.


कांग्रेस का घोषणा पत्र यहां पढ़िए 


'सफाई' के मोर्चे पर दोनों दलों का स्टैंड लगभग एक


'सफाई' के मोर्चे पर दोनों दलों का स्टैंड लगभग एक ही है. कांग्रेस ने वादों की पहली किस्त में दिल्ली को साफ बनाने का वादा किया है. इसके साथ ही घर-घर से कूड़ा उठाने की बात कही है. बीजेपी ने भी घर-घर जाकर कूड़ा उठाने और ड्रेनेज सिस्टम को दुरूस्त करने के साथ ही नाईट क्लीनिंग और शौचालय बनाए जाने की घोषणा की है.


पांच लाख रेहड़ी वालों को लाइसेंस देने का वादा कर दिया


इसके साथ ही कांग्रेस ने गीरीबी उन्मूलन पर खास जोर देते हुए पांच लाख रेहड़ी वालों को लाइसेंस देने का वादा कर दिया है. सस्ती दवाईयों का वादा भी कांग्रेस की ओर से किया गया है. जबकि, बीजेपी ने सस्ते खाने यानि 10 रुपए में थाली के साथ ही कोई नया टैक्स नहीं लाने की बात दोहराई है.


बीजेपी का घोषणा पत्र यहां पढ़िए


सफाई कर्मचारियों की तनख्वाह नहीं मिलने की समस्या


सफाई कर्मचारियों की तनख्वाह नहीं मिलने की समस्या पिछले दिनों काफी रही और हड़ताल के तौर पर विरोध भी सामने आया. दोनों ही दलों ने वादा किया है कि सफाई कर्मचारियों सौगात मिलेगी. कांग्रेस ने 10 फीसदि महंगाई भत्ता बढ़ाने का वादा किया है तो बीजेपी ने अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने का वादा किया है.


पूर्वांचल और बिहार के लोगों पर दोनों ही दलों की खास नजर


पूर्वांचल और बिहार के लोगों पर दोनों ही दलों की खास नजर है. इसके लिए बीजेपी ने छठ घाटों को लेकर नया वादा कर दिया है. दोनों ही दल अभी और वादें कर सकते हैं और केजरीवाल का पिटारा तो अभी बाकी ही है. वैसे, एमसीडी के लिए सभी ने अपनी ताकत झोंक कर रखी है. अब देखना यह होगा कि कौन अपनी बात पहुंचाने में सफल रहता है.


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