MCD Mayor Election: 16 फरवरी को नहीं होगा मतदान, मनोनीत सदस्य वोटिंग कर सकते हैं या नहीं? सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी
Delhi Mayor Election: एमसीडी मेयर पद का चुनाव कराने की तीन कोशिशें सदन में हंगामे के कारण विफल हो चुकी हैं. अब उपराज्यपाल ने 16 फरवरी को बैठक बुलाने की मंजूरी दी थी.
MCD Mayor Election 2023: एमसीडी मेयर पद चुनाव मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 17 फरवरी को सुनवाई होगी. फिलहाल 16 फरवरी को मतदान नहीं होगा. सोमवार (13 फरवरी) को हुई सुनवाई में उपराज्यपाल कार्यालय की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि चुनाव कोर्ट की सुनवाई के बाद ही करवाया जाएगा. आम आदमी पार्टी की तरफ से दाखिल याचिका में प्रोटेम सभापति बदलने और मनोनीत पार्षदों को मतदान से अलग रखने की मांग की गई है.
इस पर चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने पिछले हफ्ते उपराज्यपाल कार्यालय और प्रोटेम सभापति सत्या शर्मा को नोटिस जारी किया था. सोमवार को कोर्ट के पास समय की कमी होने के चलते विस्तृत सुनवाई नहीं हो सकी.
एमसीडी मेयर चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
मामले पर थोड़ी देर चली सुनवाई के दौरान आम आदमी पार्टी की मेयर प्रत्याशी शैली ओबेरॉय के लिए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने जिरह की. उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 243 R के तहत मनोनीत सदस्यों को सदन में वोटिंग में हिस्सा लेने का अधिकार नहीं है. दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन एक्ट की धारा 3 में भी यही लिखा है. चीफ जस्टिस ने इससे सहमति जताते हुए कहा कि संविधान का प्रावधान स्पष्ट है, लेकिन प्रोटेम सभापति के लिए पेश वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि मनोनीत सदस्य भी वोट डाल सकते हैं. इससे जुड़ी कानूनी स्थिति पर वह दलील रखना चाहते हैं. कोर्ट ने कहा कि वह उनका पक्ष शुक्रवार को सुनेगा.
16 फरवरी को होने वाला चुनाव टला
इस पर सिंघवी ने मांग की कि 16 फरवरी को होने जा रहा मेयर चुनाव टाल दिया जाए. उपराज्यपाल कार्यालय के लिए पेश एडिशनल सॉलिसीटर जनरल संजय जैन ने आश्वासन दिया कि चुनाव का आयोजन कोर्ट की सुनवाई के बाद ही होगा. बीजेपी की मेयर प्रत्याशी रेखा गुप्ता की तरफ से वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार ने कहा कि उन्हें भी पक्ष रखने का मौका मिलना चाहिए. कोर्ट ने इसकी अनुमति दे दी.
आम आदमी पार्टी ने क्या कहा?
आम आदमी पार्टी की याचिका में कहा गया है कि नगर निगम चुनाव के परिणाम आने के बाद 2 महीने बीत चुके हैं, लेकिन अब तक महापौर (मेयर) का पद खाली है. पार्टी की तरफ से कहा गया है कि मेयर चुनाव के लिए गलत प्रक्रिया अपनाने की कोशिश की जा रही है. इसमें मनोनीत पार्षदों को मतदान की अनुमति दी जा रही है. वहीं आम आदमी पार्टी के 2 विधायकों को आपराधिक मामले में सजायाफ्ता बता कर वोटिंग से मना किया गया है.
एमसीडी चुनाव में आप को मिली थी जीत
याचिका में पार्षद सत्या शर्मा को प्रोटेम सभापति बनाए जाने का भी विरोध किया गया है. इसमें कहा गया है कि वरिष्ठतम पार्षद को यह पद मिलना चाहिए. उनकी अध्यक्षता में मेयर पद का चुनाव हो. उसके बाद डिप्टी मेयर और दूसरे पदों का निर्वाचन मेयर की अध्यक्षता में हो. पिछले साल 7 दिसंबर को एमसीडी (MCD) चुनाव के परिणाम आए थे. इसमें आम आदमी पार्टी (AAP) को 134 सीटें मिली थीं. बीजेपी (BJP) को 104 वार्ड में जीत हासिल हुई थी. उसके बाद से 3 बार मेयर चुनने के लिए सदन की बैठक हुई, लेकिन दोनों पार्टियों के बीच विवाद के चलते चुनाव नहीं हो पाया.
ये भी पढ़ें-