Delhi LG Vs AAP: दिल्ली नगर निगम (MCD) के मेयर चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) और राज्यपाल वीके सक्सेना (VK Saxena) में टकराव देखने को मिला. एमसीडी के मेयर का चुनाव 6 जनवरी को होना था, लेकिन एमसीडी की बैठक में हुए बवाल के बाद चुनाव नहीं हो पाया. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने राज्यपाल पर केंद्र सरकार का प्रतिनिधि होने का आरोप लगाया है. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एलजी मेयर चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं. इसपर एलजी की तरफ से भी प्रतिक्रिया सामने आई है.
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आम आदमी पार्टी के आरोपों को खारिज किया है. उपराज्यपाल ने कहा कि दिल्ली सरकार की ओर से भेजे गए 6 नामों में से ही सत्या शर्मा को पीठासीन अधिकारी बनाया गया है. मुकेश गोयल का नाम दिल्ली सरकार की ओर से भेजा गया था पर उनपर एमसीडी चुनाव के दौरान भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. मामले की जांच चल रही है. एल्डरमैन का चयन नियमों के मुताबिक हुआ है.
आप और एलजी में क्यों हुआ टकराव?
दरअसल, एलजी ने आप सरकार की ओर से भेजे गए मुकेश गोयल के नाम की जगह बीजेपी पार्षद को प्रोटेम स्पीकर बनाया था. उपराज्यपाल ने चुनाव के लिए बीजेपी पार्षद सत्या शर्मा को पीठासीन अधिकारी के रूप में नामित किया. इस नियुक्ति को विरोध करते हुए आप ने आरोप लगाया कि वह सभी लोकतांत्रिक परंपराओं और संस्थानों को नष्ट कर रहे हैं. एमसीडी में 10 मनोनीत पार्षद का नामांकन, कथित तौर पर दिल्ली सरकार को दरकिनार कर हज कमेटी के सदस्यों के नाम तय करने और वरिष्ठतम व्यक्ति को पीठासीन अधिकारी के रूप में नामित नहीं करने जैसे कदम को सीएम केजरीवाल ने एलजी को पत्र भी लिखा है.
सीएम केजरीवाल ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री ने लिखा कि प्रशासन के अधिकारियों ने उपराज्यपाल के विचित्र निर्देशों का पालन करने से इनकार कर दिया होगा. वे निजी तौर पर और दबे स्वर में विरोध कर रहे हैं. उन्होंने लिखा कि वे निर्देशों का पालन नहीं करने पर परिणाम से डरते हैं. कुछ को अतीत में भी क्रोध का सामना करना पड़ा है. 'सेवाओं' के माध्यम से नौकरशाही पर नियंत्रण का दुरुपयोग किया जा रहा है.
मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव हुआ स्थगित
गौरतलब है कि शुक्रवार को मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव किये बगैर एमसीडी सदन स्थगित कर दिया गया था क्योंकि निर्वाचित प्रतिनिधियों की बजाये पहले एल्डरमैन को शपथ दिलाने को लेकर बीजेपी (BJP) और आप (AAP) के पार्षदों के बीच तीखी बहस हुई थी. आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना (VK Saxena) की ओर से नियुक्त 10 एल्डरमैन (मनोनीत पार्षद) को पहले इसलिये शपथ दिलायी ताकि उन्हें मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में मताधिकार मिल सके.
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