नई दिल्लीः दिल्ली सरकार पर निगमों के बकाया 13 हजार करोड़ रुपए की मांग को लेकर मुख्यमंत्री आवास पर दिल्ली के तीनों महापौर का प्रदर्शन पिछले 13 दिन से जारी है. दिल्ली नगर निगम के तीनो ही महापौर कार्यकर्ताओं के साथ मुख्यमंत्री आवास के ठीक सामने अनिश्चितकालीन प्रदर्शन कर रहें हैँ. वहीं अब दिल्ली सरकार और एमसीडी की जंग की गरमाहट भी बढ़ती जा रही है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी विधानसभा सत्र में एमसीडी को निशाने पर लिया और एमसीडी पर कॉमनवेल्थ घोटाले से भी बड़े घोटाले का आरोप लगाया.
इधर एमसीडी के तीन महापौर और कार्यकर्त्ता पिछले तीन दिन से भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं. वहीं हड़ताल और बढ़ती ठंड की वजह से एमसीडी की तीन महिला पार्षदों की तबियत बिगड़ गई जिसके बाद उन्हें हिन्दू राव अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया है.
ईस्ट MCD के मेयर ने केजरीवाल सरकार पर साधा निशाना
तीन पार्षदों की तबियत बिगड़ने पर ईस्ट एमसीडी के मेयर निर्मल जैन ने कहा कि, तीनो महिला पार्षदों को हिन्दू राव अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. ठंड बहुत बढ़ गयी है. दिल्ली में चल रही बर्फीली हवाओं में एक घंटा बाहर रहना भी मुश्किल है, ऐसे में हम लगातार 24 घंटे यहीं टिके हुए हैं. निर्मल जैन के मुताबिक कर्मचारियों को कई महीनों से ना तो वेतन मिला है और ना ही पेंशन मिल पा रही है. दुर्भाग्य की बात यह है कि सारी जानकारी होने के बावजूद भी मुख्यमंत्री 5 मिनट का समय हम लोगों से मुलाकात करने के लिए नहीं निकाल पा रहे हैं. निर्मल जैन ने कहा कि, मुख्यमंत्री केजरीवाल को केवल निगम के अंदर अराजकता और अफरा-तफरी मचानी है. वह असल में कर्मचारियों का वेतन देना ही नहीं चाहते हैं.
नार्थ MCD मेयर ने भी केजरीवाल पर लगाए आरोप
नार्थ एमसीडी के महापौर जय प्रकाश ने भी सीएम अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि 900 का ऑक्सी मीटर दिल्ली सरकार 3600 में खरीद रही है. जल बोर्ड को 45 हज़ार करोड़ का लोन दे दिया गया और घोटाला नगर निगम में हो रहा है. जिस नगर निगम में 2 लाख कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिल पा रही वहां घोटाला हो रहा है. उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने विशेष सत्र बुलाया था लेकिन उनका एक भी विधायक ये साबित नहीं कर पाया की एमसीडी में 2457 करोड़ का घोटाला हुआ है.
कर्मचारियों को कई महीनों से नहीं मिल पा रहा है वेतन
दिल्ली सरकार को घेरते हुए नार्थ एमसीडी मेयर जय प्रकाश ने केजरीवाल सरकार के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि, दिल्ली की जनता ये जान चुकी है कि उनके लिए एमसीडी के तीनो महापौर धरने पर बैठे हुए हैँ. ये लड़ाई 2 लाख निगम के कर्मियों की लड़ाई है. फंड ना मिलने से 20 हज़ार कर्मचारी ऐसे हैं जिन्हें जुलाई से वेतन नहीं मिला है. वहीं 40,000 ऐसे कर्मचारी हैं जिन्हें सितंबर से सैलरी नहीं मिली.अगर कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिलेगी और वह हड़ताल पर चले गए तो शहर में कूड़े-कचरे का अंबार लग जाएगा. सोचिएअगर तीनों एमसीडी के अस्पतालों में हड़ताल हो गई तो जिन गरीब परिवारों का वहां इलाज होता है उनका इलाज कैसे होगा?
साउथ MCD महापौर ने केजरीवाल सरकार पर खड़े किए सवाल
साउथ एमसीडी की महापौर अनामिका सिंह ने महिला पार्षदों की तबियत पर चिंता जताते हुए कहा कि, सब ही अनशन पर बैठे थे हमारी तीन महिलाओं की तबियत खराब हुई है. केजरीवाल की नैतिकता थी कि वे हमारा मेडिकल चेक-अप करवाते. अभी तीनो ही पार्षदों की स्थति बिगड़ी हुई है. उन्होंने नार्थ एमसीडी के मेयर जय प्रकाश के स्वास्थ्य पर चिंता जताते हुए कहा कि उनको तो डायबिटीज़ है और बीपी की भी समस्या है, वे अनशन की वजह से दवा भी नहीं ले पा रहे हैं. साउथ एमसीडी महापौर अनामिका सिंह ने केजरीवाल सरकार को घेरते हुए सवाल खड़े किए हैं कि कल जब विधानसभा का सत्र शुरू हुआ तो 13 हज़ार करोड़ की बात को डाइवर्ट करने के लिए दूसरे मुद्दे को लाए. अगर हम यहां 13 दिन से बैठे हैं तो उन्हें विधानसभा क सत्र भी 13 हजार करोड़ पर बुलाना चाहिए था पर उन्होंने मुद्दे को भटकाया. उन्होंने कहा कि घोटालों की उत्पत्ति केजरीवाल सरकार की नीव से हुई है. केजरीवाल बाहर जाकर के बयानबाजी करते हैं, लेकिन हमसे मिलन नहीं आए? वह यहां आ कर हमसे हिसाब करें.
एमसीडी और केजरीवाल सरकार की जंग में पिस रहे कर्मचारी
गौरतलब है कि दिल्ली में पिछले एक हफ्ते से ठंड का प्रकोप जारी है. लगातार न्यूनतम तापमान 5 डिग्री से कम ही चल रहा है. इस शीतलहर और ठिठुरन के बीच एमसीडी के तीनो मेयर्स और कार्यकर्ता लगातार दिल्ली सरकार पर बकाया राशि जारी करने के लिए दबाव बनाने हेतु अनशन पर बैठे हुए हैं.वहीं एमसीडी और दिल्ली सरकार के बीच हो रही आरोप और प्रत्यारोपों कि प्रक्रिया के बीच दिल्ली के हज़ारों एमसीडी कर्मचारी वेतन ना मिलने से परेशान हैं.
ये भी पढ़ें