ट्रंप हुए सख्त तो भारत भी अलर्ट पर, अमेरिका में पढ़ रहे छात्रों को दे दी ये सलाह
MEA Advice to Indian Student in US: बड़ी संख्या में भारतीय छात्र अमेरिका की यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे हैं. यही कारण है कि भारत सरकार अमेरिका के साथ शैक्षिक संबंधों को मजबूत करने पर जोर दे रही है.

MEA Advice to Indian Student in US: डोनाल्ड ट्रंप ने तो जैसे मिशन डिपोर्टेशन का मोर्चा संभाला हुआ है. अमेरिका में रह रहे अवैध अप्रवासियों को निर्वासित करने में लगे हुए हैं, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप के इस एक्शन के बाद भारत हाई अलर्ट पर है और अमेरिका में पढ़ रहे भारतीय छात्र-छात्राओं और नागरिकों को अमेरिकी कानून का पालन करने की सलाह दी है.
बीते कुछ दिनों पहले भारत के एक रिसर्चर बदर खान सूरी को अमेरिकी प्रशासन ने अरेस्ट किया था और एक स्टूडेंट को कनाडा में सेल्स डिपोर्ट करना पड़ गया था. इसके बाद से ही भारत सरकार अमेरिका में पढ़ रहे हैं स्टूडेंट्स को लेकर चिंतित है. इसको लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा है कि अमेरिका में रह रहे भारतीय छात्रों को किसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो भारत सरकार, वाणिज्य दूतावास और एंबेसी उनकी सुरक्षा के लिए मौजूद है. किसी भी छात्र को मदद की जरूरत है तो सरकार मदद करना जारी रखेगी.
बड़ी संख्या में अमेरिका गए भारतीय छात्र
बड़ी संख्या में भारतीय छात्र अमेरिका की यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे हैं. यही कारण है कि भारत सरकार अमेरिका के साथ शैक्षिक संबंधों को मजबूत करने पर जोर दे रही है. रणधीर जायसवाल ने कहा कि दोनों भारतीय छात्रों, बदर खान सूरी और रजनी श्रीनिवासन ने अमेरिका में मौजूद भारतीय दूतावास से कोई संपर्क नहीं किया.
हमास का किया था सपोर्ट
हमास का समर्थन करने के लिए दो भारतीय नागरिक बदर खान सूरी को गिरफ्तार किया गया और रजनी श्रीनिवासन को अमेरिका से सेल्फ डिपोर्ट होना पड़ा था. रजनी श्रीनिवासन अब कनाडा में सेल्फ डिपोर्ट हो गई हैं.
क्या है बदर खान सूरी और रजनी श्रीनिवासन पर आरोप
भारत में जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से PHD करने के बाद बदर खान सूरी अमेरिका के जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में रिसर्चर बना और अमेरिका का माहौल देखकर ये उम्मीद लगाई जा सकती है कि उसे भी डिपोर्ट किया जा सकता है. सूरी पर हमास से संबंध रखने के आरोप हैं क्योंकि ट्रंप सरकार ने उसका वीजा रद्द कर हमास का प्रचार करने के आरोप लगाए हैं. वहीं इससे पहले अमेरिकी प्रशासन ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी की छात्रा रजनी श्रीनिवासन का वीजा रद्द किया था, जिसके बाद रजनी ने कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन होम ऐप के जरिए खुद को डिपोर्ट किया था. रजनी पर भी आरोप है कि वह हमास का सपोर्ट करने वाली एक्टिविटी में शामिल थी.
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