MEA Dismissed Reuters Report: 'भारत का रिकॉर्ड बेदाग, भ्रामक रिपोर्ट', यूक्रेन को हथियार भेजने के रॉयटर्स के दावे पर MEA की प्रतिक्रिया
MEA Reaction On Reuters Report: भारतीय विदेश मंत्रालय ने रॉयटर्स की उस रिपोर्ट को खारिज किया है, जिसमें भारत पर यूक्रेन को यूरोप के रास्ते हथियार भेजे जाने के आरोप लगाए गए थे.
MEA On Reuters Report: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत पर बड़े आरोप लगे हैं, जिसपर भारतीय विदेश मंत्रालय की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. दरअसल, हाल ही में रॉयटर्स की रिपोर्ट में दावा किया गया कि यूक्रेन को भारतीय गोला-बारूद भेजे जा रहे हैं. भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार (19 सितंबर) को रॉयटर्स की इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया.
विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन को गोला-बारूद भेजे जाने वाली रिपोर्ट को काल्पनिक और भ्रामक बताया है. प्रतिक्रिया देते हुए कहा गया कि ये तमाम आरोप पूरी तरह से निराधार हैं क्योंकि भारत ने किसी भी नियम को नहीं तोड़ा है. MEA ने कहा कि हमने रॉयटर्स की रिपोर्ट को देखा है, ये पूरी तरह से अटकलों पर आधारित हैं और इसमें किसी भी तरह की सच्चाई नहीं है.
Our response to media queries on Reuters report on diversion of Indian Defence Exports to Ukraine:https://t.co/uvfgB8gF3f pic.twitter.com/3qIVU0W9YW
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) September 19, 2024
'गलत और शरारतपूर्ण हैं आरोप'
भारत ने रॉयटर्स की रिपोर्ट को शरारतपूर्ण और पूरी तरह से गलत बताया है. विदेश मंत्रालय ने कहा, 'भारत अपने अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों का पूरी निष्पक्षता से पालन करता है. निर्यात के लिए भी भारत का एक मजबूत कानूनी और नियामक ढांचा है. रक्षा सामग्रियों के निर्यात में भारत का रिकॉर्ड बेदाग है. सभी मानदंडों के तहत अंतिम उपयोगकर्ता की जिम्मेदारियों और प्रमाणपत्रों का भी मूल्यांकन किया जाता है. रॉयटर्स की रिपोर्ट में भारत की छवि को गलत तरीके से दिखाया गया है.'
'कानूनी हैं सभी गतिविधियां'
विदेश मंत्रालय ने कहा, 'रक्षा निर्यातों के लिए नियामक ढांचे से हमेशा ये सुनिश्चित किया जाता है कि सभी अंतर्राष्ट्रीय कानूनों और समझौतों का पूरी रीति से पालन किया जाए. इसके तहत किसी तरह की गलती की गुंजाइश नहीं होती. भारत की सभी गतिविधियां पूरी तरह से कानून के दायरे में हैं और कभी भी किसी अनियमितता का पालन नहीं किया गया है.'
क्या है रॉयटर्स की रिपोर्ट?
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि निर्माताओं के जरिए बेचे गए भारतीय हथियार यूरोप के रास्ते यूक्रेन पहुंचे हैं जिसमें तोप के गोले भी शामिल हैं. ये भी आरोप लगाया गया कि रूस ने इस मामले में हस्तक्षेप किया लेकिन तब भी भारत की तरफ से इस खरीद बिक्री रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया. ये भी दावा किया गया कि हथियारों का निर्यात बीते एक साल से किया जा रहा है.