Hamid Ansari Democracy remark: विदेश मंत्रालय की तरफ से कई मुद्दों को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई. इसमें मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान को मदद पहुंचाने और पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के मानवाधिकारों और लोकतंत्र वाले बयान का जवाब दिया गया. 


अफगानिस्तान के लोगों को पहुंचाई जा रही मदद 
अफगानिस्तान को मदद पहुंचाने को लेकर विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि, भारत सरकार अफगान लोगों को मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है. इसमें अनाज, कोविड वैक्सीन और जरूरी दवाएं शामिल हैं. बीते कुछ हफ्तों के दौरान भारत में 3.6 टन चिकित्सा सहायता, 5 लाख कोविड वैक्सीन, गेहूं की खरीद और उसे पहुंचाने की व्यवस्था पर काम चल रहा है. इसमें कुछ समय लगता है.


भारत के लोकतंत्र को किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं
इसके अलावा पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और चार अमेरिकी सांसदों के भारतीय लोकतंत्र को लेकर दिए गए बयान पर भी विदेश मंत्रालय की तरफ से प्रतिक्रिया आई. बागची ने कहा कि, हमने इस आयोजन से जुड़ी रिपोर्ट्स देखी हैं. भारत एक मजबूत और सक्रिय लोकतंत्र है. इसे किसी और के प्रमाणपत्र की ज़रूरत नहीं है. यह दावा कि दूसरों को हमारे लोकतंत्र की हिफाजत करनी चाहिए, खयालों पर आधारित है और बेतुकी बात है. इस मामले में  आयोजकों का ट्रैक रिकॉर्ड उतना ही जाहिर है जितने घोषित इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले लोगों के पूर्वाग्रह और राजनीतिक हित हैं.


यूक्रेन संकट पर भारत का पक्ष 
यूक्रेन संकट पर भारत का रुख साफ करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि, हम यूक्रेन से जुड़े घटनाक्रम को करीब से देख रहे हैं. इसमें रूस और अमेरिका के बीच हो रहा उच्च स्तरीय संवाद भी शामिल है. कीव में  हमारा दूतावास भी स्थानीय घटनाक्रमों को मॉनिटर कर रहा है. हम बातचीत और सतत राजनयिक प्रयासों के जरिए हालात के शांतिपूर्ण समाधान का आग्रह करते हैं. ताकि इलाके में शांति और स्थायित्व आ सके.


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भारत-पाक के बीच तीर्थ यात्रियों की आवाजाही
भारत-पाकिस्तान के बीच तीर्थ यात्रियों की आवाजाही को लेकर विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि, भारत और पाकिस्तान के बीच 1974 में हुए समझौते के आधार पर भारत और पाकिस्तान के बीच धार्मिक स्थानों के लिए तीर्थ यात्रियों की आवाजाही होती है. भारत इस बात का पक्षधर है कि धार्मिक रुचि के स्थानों की संख्या और यात्रियों की आवाजाही में सहूलियतों को बढ़ाया जाना चाहिए. कोरोना के कारण फिलहाल लोगों की आवाजाही पर पाबंदियाँ हैं लेकिन इस समय का उपयोग प्रोटोकॉल में ज़रूरी बदलावों के लिए बातचीत आगे बढाने में किया जाना चाहिए.


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