S Jaishankar Remark over National Security: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार (23 फरवरी) को कहा कि आज भारत (India) की छवि ऐसे देश की बन गई है जो अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security) की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है. उन्होंने कहा कि G20 आर्थिक वृद्धि और विकास के संदर्भ में जिस समाधान की ओर देख रहा है, उसमें करीब ‘15 प्रतिशत समाधान’ भारत के पास है. वह महाराष्ट्र के पुणे की सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी की ओर से आयोजित ‘फेस्टिवल ऑफ थिंकर्स’ को संबोधित कर रहे थे.


मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा के इस बयान का हवाला दिया कि ‘काफी निराशाजनक वैश्विक आर्थिक परिदृश्य’ में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) आधार सात प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है और आने वाले दशक में भी बढ़ने की संभावना है.


'जी-20 वास्तव में यह भी देख रहा है'


जयशंकर ने कहा, ‘‘क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा है कि इस साल दुनिया की 15 फीसदी वृद्धि भारत से होने वाली है, यानी हम उस समाधान का 15 प्रतिशत हैं जिसे जी-20 आर्थिक वृद्धि और विकास के संदर्भ में देख रहा है,  लेकिन यह सिर्फ विकास नहीं है, जी-20 वास्तव में यह भी देख रहा है कि हमने कोविड चुनौतियों को कैसे संभाला.’’


विदेश मंत्री ने कहा कि हर देश की अपनी चुनौतियां हैं लेकिन कोई चुनौती राष्ट्रीय सुरक्षा से समान महत्व वाली नहीं हो सकती. उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जिसे न तो धकेल कर बाहर किया जा सकता है और न ही वह किसी को बुनियादी सीमा को लांघने देगा.


'सीमा पर लंबे समय से हमें परखा जा रहा है'


जयशंकर ने कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों के दौरान पश्चिमी सीमा पर लंबे समय से हमें परखा जा रहा है. मैं समझता हूं कि चीजें इस बार थोड़ी अलग हैं और सभी लोग इस बात से सहमत होंगे. कुछ चीजें वर्ष 2016 और 2019 के बीच हुईं और हमें परखने का प्रयास किया जा रहा है’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें उत्तरी सीमा पर भी परखा जा रहा है. भारत किस प्रकार से इस परीक्षा से बाहर आएगा, यह मुकाबला करने की हमारी ताकत को प्रदर्शित करेगा.’’


विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘आज हमारी छवि एक ऐसे देश की है जो अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को बचाने के लिए सब कुछ करने को तैयार है. यह (भारत) काफी संयम रखने वाला देश है और यह ऐसा देश नहीं है जो दूसरों से लड़ता रहता है लेकिन यह ऐसा देश भी नहीं है जिसे धकेल कर बाहर किया जा सकता है. यह ऐसा देश है जो बुनियादी सीमा को किसी को लांघने नहीं देगा.’’


उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि यह ध्रुवों में विभाजित दुनिया है, ऐसे में विभिन्न देश आपको प्रभावित करने का प्रयास करेंगे, अपना आग्रह रखेंगे, कई बार वे कड़े शब्दों का प्रयोग करेंगे. ऐसे में आप किस प्रकार से अपने हितों की रक्षा के लिए खड़े होते हैं, और कुछ बार ऐसे देशों के हितों के लिए खड़ा होते हैं जिनके पास उतनी क्षमता और सामर्थ्य नहीं है, जितनी आपके पास है... हम आज यह देख रहे हैं.’’


'हमारी स्वतंत्रता की भावना-विश्वास को परखने का प्रयास किया गया'


यूक्रेन संघर्ष का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘इस संघर्ष के कारण जिस प्रकार के दबाव आए, ऐसे क्षण भी आए जब हमारी स्वतंत्रता की भावना और विश्वास को परखने का प्रयास किया गया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें एक स्वतंत्र और दूसरे के अधिकारों के लिए खड़े होने वाले के रूप में देखा जा रहा है और इसके साथ ही हम वैश्विक दक्षिण की आवाज भी बन रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ''पिछले महीने हमारी जी-20 से पहले की विचार विमर्श प्रक्रिया हुई, यह पहली बार हुई. हमने जी-20 समूह के अध्यक्ष के रूप में प्रधानमंत्री के स्तर पर, स्वयं विदेश मंत्री के स्तर पर, वित्त मंत्री, कारोबार मंत्री और पर्यावरण मंत्री के स्तर पर वैश्विक दक्षिण के 125 देशों के साथ विचार विमर्श किया.''


कोरोना टीकाकरण को लेकर विदेश मंत्री ने यह कहा


भारत की जी-20 अध्यक्षता दिसंबर 2022 में शुरू हुई थी. विदेश मंत्री ने कहा कि जी-20 देशों ने कोरोना वायरस के खिलाफ अपनी विशाल आबादी का प्रभावी ढंग से टीकाकरण करने में भारत की सफलता का संज्ञान लिया है. जयशंकर ने कहा, ‘‘टीके लगाना बहुत आसान लगता है लेकिन ऐसे देश हैं जिन्होंने इस टीकाकरण के लिए संघर्ष किया, जबकि दुनिया ने देखा कि भारत सभी पात्र व्यक्तियों को टीका लगाने में कामयाब रहा.’’


उन्होंने कहा कि डेटा सुरक्षा और डेटा गोपनीयता डिजिटल दुनिया की सबसे बड़ी चुनौतियां हैं और उनसे जुड़े मुद्दों पर जी-20 बैठक के दौरान समाधान की उम्मीद है.


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